सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे लद्दाख दौरे पर पहुंचे, रक्षा उपकरणों का लिया जायजा
सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल मनोज पांडे लद्दाख दौरे पर पहुंचे. उन्होंने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना की चल रही तैयारियों की समीक्षा की. सेना ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सेना द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले मेड-इन-इंडिया हथियारों का सेना प्रमुख ने जायजा लिया.
सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल मनोज पांडे लद्दाख दौरे पर पहुंचे. उन्होंने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (line of actual control) पर सेना की तैयारियों की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने उपराज्यपाल आरके माथुर से मुलाकात की. सेना ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सेना द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले मेड-इन-इंडिया हथियारों का सेना प्रमुख ने जायजा लिया. सेना ने कहा, जनरल पांडे ने केंद्रशासित प्रदेश में चल रहे विकास की गतिविधियों पर सेना की भूमिका पर भी चर्चा की.
उपराज्यपाल से मिले सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने उपराज्यपाल आरके माथुर से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने लद्दाख में चल रहे विकास कार्यों पर भी चर्चा की. वहीं, जनरल पांडे ने उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल ए सेनगुप्ता के साथ भी मुलाकात की.
Indian Army chief Gen Manoj Pande visited forward areas in Ladakh to review operational preparedness. He interacted with the Army & ITBP troops deployed in the sector. pic.twitter.com/T2omv1LWBn
— ANI (@ANI) May 14, 2022
सेना प्रमुख का दौरा काफी अहम
सेना प्रमुख का लद्दाख दौरा काफी अहम माना जा रहा है. बता दें कि साल 2020 से चीन और भारत लद्दाख के पैंगोंग झील पर आमने-सामने हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन भारत के इस क्षेत्र पर पुल और सड़क का निर्माण करने में सफलता हासिल की है. फिलहाल भारत और चीन के बीच इस क्षेत्र को लेकर अनेक वार्ता हो चुकी है.
Also Read: New Army Chief: जनरल मनोज पांडे ने कहा, बदलते वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति के कारण हमारे सामने कई चुनौतियां
चीन पर सेना प्रमुख का बयान
लद्दाख दौरे से पूर्व सेना प्रमुख ने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि 2020 से पहले वाली यथास्थिति को स्थापित करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह एकतरफा मामाल नहीं हो सकता. शांति स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि सीमा विवाद के बाद से सुरक्षा बल पुनर्मूल्यांकन कर रहा है और एलएसी के साथ एक मजबूत स्थिति बनाने के लिए कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय सेना किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.