देहरादून : सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ लगी देश की सीमा पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच जारी वार्ता से सभी मतभेद सुलझ जाएंगे. जनरल नरवणे यहां भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में शामिल होने आये थे उसी दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा- ‘‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि चीन के साथ हमारी सीमाओं पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. हम श्रृंखलाबद्ध बातचीत कर रहे हैं जो कोर कमांडर स्तर की वार्ता से शुरू हुई थी जिसके बाद स्थानीय स्तर पर समान रैंक के कमांडरों के बीच बैठक हुई.”
उन्होंने कहा कि जारी वार्ता से दोनों देशों के बीच समझे जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लिया जाएगा. सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘परिणामस्वरूप कई तरह से टकराव से बचा गया है और हमें उम्मीद है कि सतत बातचीत से हम अपने बीच माने जाने वाले सभी मतभेदों को सुलझा लेंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से टकराव की स्थिति से बच रहे हैं. हमने गलवान घाटी क्षेत्र से, उत्तर से इसकी शुरुआत की. हमारी बहुत सकारात्मक बातचीत हुई. और जैसा कि मैंने कहा कि यह जारी रहेगी और आगे हालात सुधरेंगे.”
नेपाल को लेकर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत के हमेशा से इस पड़ोसी देश से मजबूत संबंध रहे हैं और भविष्य में भी मजबूत रहेंगे. नेपाल ने अपने देश के परिवर्तित नक्शे में लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया है. जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘नेपाल के साथ हमारे बहुत मजबूत रिश्ते रहे हैं. हमारे भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक संबंध हैं. हमारे लोगों के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं. उनके साथ हमारे रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं और भविष्य में भी रहेंगे.”
नरवणे ने कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और इसकी सुरक्षा तथा सम्मान सैन्य नेताओं के तौर पर इसके युवा अधिकारियों की क्षमता पर निर्भर करती है. पासिंग आउट परेड के निरीक्षण अधिकारी के तौर पर कैडेट को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि युवाओं को अत्यंत चुनौतीपूर्ण हालात के दौर में सेना में अधिकारियों के रूप में शामिल किया जा रहा है और उनके सैन्य प्रशिक्षण के उच्च मानक उन्हें चुनौतियों से उबरने में मदद करेंगे.
परेड में कुल 423 कैडेट को सेना में शामिल किया गया जिनमें 333 भारत के और 90 मित्र देशों से हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के लिए मुश्किल वक्त है. देश की सुरक्षा, सम्मान और गरिमा सैन्य नेताओं के तौर पर आपकी क्षमताओं पर निर्भर करती है. आपको अपने देशवासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा.
Posted By : Rajneesh Anand