चीन, पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे बोले- कठिन चुनौतियों से जूझ रहा भारत

Army Chief Gen MM Naravane at Pragyan Conclave: जनरल नरवणे ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि परमाणु-क्षमता से लैस पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद और राज्य प्रायोजित छद्म युद्ध ने सुरक्षा तंत्र एवं संसाधनों के समक्ष चुनौतियां बढ़ा दी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2022 7:24 PM
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Army Chief Gen MM Naravane at Pragyan Conclave: चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत कठिन रक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम भविष्य के संघर्षों की कुछ झलकियां देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) आने वाले दिनों में अपने रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास जारी रखेंगे.

सीमा पर हमें पूरी तरह से तैयार रहना होगा

एक सेमिनार को वर्चुअली संबोधित करते हुए जनरल नरवणे (Gen MM Naravane) ने कहा कि भारत ‘अलग तरह की, कठिन तथा बहु-स्तरीय’ सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमा पर जो घटनाक्रम हुए हैं, उसने बताया है कि हमें पूरी तरह से तैयार रहना होगा. स्थिति बता रही है कि यहां सक्षम बलों की जरूरत है.

सेना की मदद के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी पर जोर

आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने देश की संप्रभुता और अखंडता सुरक्षित रखने में सेना की मदद के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया. जनरल नरवणे ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि परमाणु-क्षमता से लैस पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद और राज्य प्रायोजित छद्म युद्ध ने सुरक्षा तंत्र एवं संसाधनों के समक्ष चुनौतियां बढ़ा दी हैं.

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तीनों सेना के एकीकरण पर चल रहा है काम

उन्होंने कहा कि सेना अपने बलों के ‘पुनर्गठन, पुनर्संतुलन और पुनर्विन्यास’ पर ध्यान केंद्रित कर रही है और प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सेना त्रि-सेवा एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए ‘थियेटर कमान पहल’ (सेना के तीनों अंगों का साथ मिलकर काम करना) को लेकर प्रतिबद्ध है.

विवादित सीमाओं पर दिख रही भविष्य की झलकियां

जनरल नरवणे ने कहा कि हम अभी भविष्य के संघर्षों की झलकियां देख रहे हैं. सूचना के क्षेत्र, नेटवर्क और साइबर स्पेस में भी हमें इसके सबूत दिखाई दे रहे हैं. विवादित सीमाओं पर भी ये सब दिखाई दे रहा है. थल सेना प्रमुख ने कहा, ‘इन झलकियों के आधार पर हमें भविष्य के लिए तैयार होना होगा. यदि आप आसपास देखेंगे, तो आपको आज की वास्तविकता का एहसास होगा.’


सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज के सेमिनार में बोल रहे थे सेना प्रमुख

सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस) द्वारा आयोजित ‘प्रज्ञान कॉन्क्लेव’ में वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और कई देशों के रक्षा अताशे ने भाग लिया. आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने फिर से छद्म और राज्य से इतर तत्वों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया है.

चीन पर परोक्ष रूप से सेना प्रमुख ने कही ये बात

आर्मी चीफ ने कहा कि कुछ देश विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों और नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं. पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम के संबंध में सेना प्रमुख ने कहा कि यह जारी है, क्योंकि हमने मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा है. उनका इशारा पड़ोसी देश चीन की ओर था.

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थिएटर कमान पर चल रहा है काम

जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि ‘थिएटर कमान’ के माध्यम से तीनों सेवाओं के एकीकरण की प्रक्रिया पहले से ही एक समयबद्ध योजना के तहत आगे बढ़ रही है. भारतीय सेना इस परिवर्तन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘हम इन परिवर्तनों के लिए अपने परिचालन अनुभवों को और मजबूत कर रहे हैं और यह कार्य प्रगति पर रहेगा.’

इस्राइल-हमास संघर्ष का सेना प्रमुख ने दिया हवाला

आधुनिक तकनीक के महत्व के बारे में थल सेना प्रमुख ने पिछले साल इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष का हवाला दिया और कहा कि इसने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति को मजबूती से रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि हाल में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हूदी विद्रोहियों ने हथियारबंद ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया. यह दर्शाता है कि विनाश के लिए किस तरह तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

एजेंसी इनपुट के साथ

Posted By: Mithilesh Jha

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