खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) पर कार्रवाई की गई. इसके बाद राजनीति में भूचाल आ गया. जहां भाजपा और शिवसेना मामले को लेकर आमने-सामने हैं. वहीं गिरफ्तारी पर पीड़ित परिवार ने तसल्ली जताई है. आपको बता दें कि एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के मामले में बुधवार को अर्णब गोस्वामी गिरफ्तार किए गए. रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब को यहां की एक कोर्ट ने 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने रात में यह आदेश सुनाया.
इंटीरियर डिजाइनर के परिवार को मिली तसल्ली : अर्णब गोस्वामी पर कार्रवाई के बाद इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की पत्नी और बेटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि हमें गोस्वामी की गिरफ्तारी से तसल्ली मिली है. पहले पुलिस की ओर से हमारे ऊपर दबाव बनाया गया कि हम इस केस को बंद कर दें. बेटी ने कहा कि हमारे पिता ने अर्णब को मेल लिखी थी. मेल में उन्होंने आग्रह किया था कि वे हमारे पैसे वापस कर दें, हमारे लिए जीवन-मरण का सवाल बन चुका था, लेकिन अर्णब ने मेरे पिता से मिलना तक मुनासिब नहीं समझा. नाइक की बेटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि रिपब्लिक टीवी से पेमेंट नहीं मिलने के कारण मेरे पिता परेशान थे. इसकी वजह से मेरे पिता और दादी ने जान दे दी.
जमानत के लिए अर्जी : गोस्वामी ने जमानत के लिए अर्जी दी और कोर्ट ने जांच अधिकारी को जवाब दाखिल करने को कहा. पत्रकार गोस्वामी के वकील गौरव पारकर ने इस संबंध में कोर्ट को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अलीबाग के एक कोर्ट में पुलिस ने गोस्वामी की 14 दिनों की हिरासत देने का अनुरोध किया. रायगढ पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी (47) को सुबह में मुंबई में उनके आवास से हिरासत में लिया था. उन्हें पुलिस वैन में बैठाया गया. कार्रवाई के बाद गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ हाथापाई की.
गोस्वामी पर लगाई गई ये धाराएं : पूरे घटनाक्रम को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 34 (समान मंशा के साथ लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. गोस्वामी को लेकर आए वाहन के अलीबाग पहुंचने पर उन्हें एक स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया. गोस्वामी के वकील ने पत्रकार के साथ पुलिस द्वारा कथित हाथापाई के आरोप लगाए. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस को चिकित्सा जांच के लिए गोस्वामी को सिविल हॉस्पिटल ले जाने को कहा.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar