Arnab Goswami Arrested नयी दिल्ली : अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई शुरू कर दी है. आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने एक मामले में वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी जेल में हैं. न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ अर्नब गोस्वामी की अपील पर सुनवाई कर रही है. बता दें कि इसी मामले में बंबई हाईकोर्ट ने पिछले दिनों अर्नब को जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
अधिवक्ता निर्निमेष दुबे के माध्यम से दायर इस अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार सुबह साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू कर दी है. बंबई हाईकोर्ट ने नौ नवंबर को अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुये कहा था कि उन्हें राहत के लिए निचली अदालत जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आरोपी अपनी ‘गैरकानूनी गिरफ्तारी’ को चुनौती देते हैं और जमानत की अर्जी दायर करते हैं तो संबंधित निचली अदालत चार दिन के भीतर उस पर निर्णय करेगी.
अर्नब ने शीर्ष अदालत में दायर अपील में महाराष्ट्र सरकार के साथ ही अलीबाग थाने के प्रभारी, मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को भी पक्षकार बनाया है. इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने अधिवक्ता सचिन पाटिल के माध्यम से न्यायालय में कैविएट दाखिल की है ताकि उनका पक्ष सुने बगैर गोस्वामी की याचिका पर कोई आदेश नहीं दिया जाये.
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महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग थाने की पुलिस ने चार नवंबर को, इंटीरियर डिजायनर की कंपनी की बकाया राशि का कथित रूप से भुगतान नहीं करने के कारण अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित रूप से आत्महत्या के लिए बाध्य करने के मामले में, अर्नब को गिरफ्तार किया था. गोस्वामी सहित तीनों आरोपियों को चार नवंबर को देर रात एक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था जिन्होंने उन्हें पुलिस हिरासत में देने से इंकार करते हुए 18 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
गोस्वामी को शुरू में अलीबाग जेल के लिये बनाये गये कोविड-19 पृथकवास में रखा गया था लेकिन कथित रूप से मोबाइल इस्तेमाल करते पाये जाने के कारण उन्हें रायगढ़ की तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया. इस बीच, रिपब्लिक टीवी के कंसल्टिंग संपादक प्रदीप भंडारी ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को एक पत्र लिखकर गोस्वामी को तलोजा जेल स्थानांतरित किये जाने और खतरनाक अपराधियों के बीच रखे जाने का संज्ञान लेने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया था. उनका कहना था कि गोस्वामी की जान को खतरा है और उन्हें रविवार की सुबह पीटा गया है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By: Amlesh Nandan.