रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के कथित वॉट्सऐप चैट्स वायरल होने के बाद राजनीति गर्म हो गयी है. कांग्रेस इस मामले को लेकर लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर रही है. अब महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार इस मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि पार्थ दासगुप्ता और अर्नब गोस्वामी चैट्स मामले में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं. हम देख रहे हैं कि अर्नब गोस्वामी को इस तरह की संवेदनशील जानकारी कैसे मिली. उन्होंने बताया इस मामले को लेकर मंगलवार को एक बैठक की जाएगी, जिसमें इस बारे में चर्चा होगी और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि आखिर अर्नब गोस्वामी को दो साल पहले बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कैसे जानकारी हुई. उन्होंने आगे पूछा, इतनी सेंसिटिव बातें अर्नब को पहले से कैसे मालूम हुईं.
We are looking as to how Arnab Goswami got access to such sensitive information. We have called a meeting tomorrow to decide our next course of action: Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh (2/2) https://t.co/UKiIONhs8D
— ANI (@ANI) January 18, 2021
दरअसल सोशल मीडिया में अर्नब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व CEO पार्थ दासगुप्ता के वॉट्सऐप चैट्स वायरल हो रहे हैं. जिसमें दावा किया जा रहा है कि अर्नब गोस्वामी को पहले से ही बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी थी.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा, इस मामले पर हम जानकारी ले रहे हैं कि आखिर दोनों के बीच चैट्स में बालाकोट और पुलवामा जैसी सेंसिटिव बातों की चर्चा हुई है. उन्होंने पूछा कि आखिर अर्नब को इसके बारे में पहले से कैसे जानकारी मिली.
गौरतलब है कि इससे पहले इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पूछा था कि आखिर अर्नब गोस्वामी को बालाकोट हमले के बारे में पहले से जानकारी कैसे हुई.
चिदंबरम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए ट्वीट किया और पूछा कि क्या असल स्ट्राइक से तीन दिन पहले एक पत्रकार को बालाकोट हमले के बारे में पता था? उन्होंने कहा कि यदि हां, तो इस बात की क्या गारंटी है कि उनके स्रोतों ने पाकिस्तान के साथ काम करने वाले जासूसों या मुखबिरों सहित अन्य लोगों के साथ भी जानकारी साझा नहीं की होगी?
पूर्व वित्त मंत्री ने आगे ट्वीट किया और रक्षा मंत्री से सवाल पूछा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय निर्णय की जानकारी सरकार-समर्थक पत्रकार को कैसे मिली? मालूम हो आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी आरोपी हैं. इसके अलावा टीआरपी मामले में भी अर्नब पर केस चल रहा है.
Posted By – Arbind kumar mishra