नयी दिल्ली : टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दोनों पक्षों को कहा कि फैसला सुरक्षित रख लिया गया है, तब तक के लिए याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
इससे पहले, वरिष्ठ टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी और महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में अर्णब की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पक्ष रखा, जबकि महाराष्ट्र सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने हुई.
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महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर भी सुनवाई– बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर भी सुनवाई होनी है. महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि अर्णब को जो राहत दी गयी है, अर्णब उसका दुरुपयोग कर रहे हैं और अपने टीवी शो में जांच अधिकारियों को धमका रहे हैं.
गिरफ्तारी पर तीन हफ्ते की रोक- इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने अर्णब गोस्वामी के गिरफ्तारी पर तीन हफ्ते की रोक लगा दी थी. बता दें कि गोस्वामी ने लगातार एफआईआर दर्ज होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें यह आंशिक राहत दी थी. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सभी एफआईआर को एक जगह किया जाये और वहीं से जांच की जानी चाहिए.
क्या है पूरा मामला– मुंबई के पालघर में दो साधुओं सहित तीन लोगों की हत्या के बाद अर्णब गोस्वामी ने अपने टीवी शो ‘पूछता है भारत’ में इसपर 45 मिनट का एक डिबेट करवाये थे. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि उसी डिबेट में अर्णब गोस्वामी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने कई राज्यों अर्णब गोस्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया.
इसके अलावा दो मई को भी एक टीवी शो के लिए एक निजी फाउंडेशन द्वारा अर्णब पर संप्रदायिक भावना भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया.