भीमा कोरेगांव मामला : अदालत ने गोरखे, गाइचोर और जगताप को 4 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजा
मुंबई : भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Case) में एनआईए ने आरोपी सागर तोताराम गोरखे (Sagar Tatyaram Gorkhe) और रमेश मुरलीधर गाइचोर (Ramesh Murlidhar Gaichor) को सोमवार को गिरफ्तार किया था. वहीं ज्योति राघोबा जगताप (Jyoti Raghoba Jagtap) को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है. तीनों को एनआई की विशेष अदात में पेश किया गया और पूछताछ के लिए 4 दिन की एनआईए कस्टडी की मांग की गयी. अदालत ने तीनों को 4 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दी.
मुंबई : भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Case) में एनआईए ने आरोपी सागर तोताराम गोरखे (Sagar Tatyaram Gorkhe) और रमेश मुरलीधर गाइचोर (Ramesh Murlidhar Gaichor) को सोमवार को गिरफ्तार किया था. वहीं ज्योति राघोबा जगताप (Jyoti Raghoba Jagtap) को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है. तीनों को एनआई की विशेष अदात में पेश किया गया और पूछताछ के लिए 4 दिन की एनआईए कस्टडी की मांग की गयी. अदालत ने तीनों को 4 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दी.
एनआईए ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार तेलुगु कवि वरवर राव के दो दामादों ‘इंग्लिश एंड फॉरिन लैंग्वेजिज यूनिवर्सिटी’ (ईएफएलयू) के प्रोफेसर के. सत्यनारायण और एक अंग्रेजी अखबार में पत्रकार केवी कुरमनाथ को गवाह के रूप में तलब किया है. इन्हें नौ सितंबर को मुंबई में पेश होना है. दोनों ने सोमवार को कहा कि एनआईए ने उन्हें नोटिस भेजकर नौ सितंबर को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा है.
सत्यनारायण ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. महाराष्ट्र पुलिस ने अगस्त, 2018 में यहां प्रोफेसर के घर पर छापे मारे थे. महाराष्ट्र पुलिस ने एल्गार परिषद-माओवादियों के संपर्क के मामले में वरवरा राव और नौ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. शुरुआत में पुणे पुलिस ने मामले की जांच की थी और बाद में इस साल जनवरी में इसे एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया.
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क्या है मामला
मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद कॉन्क्लेव में दिये गये कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़ा है. पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के बाद अगले दिन कोरेगांव भीमा स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी. एनआईए के नोटिसों में प्रोफेसर और पत्रकार से गवाह के तौर पर पेश होकर मामले से संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कहा गया है.
सत्यनारायण ने एक बयान में कहा, ‘यह सच है कि मैं वरवरा राव का रिश्तेदार हूं लेकिन मैं यह बात दोहराता हूं कि मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘एनआईए का नोटिस ऐसे समय में हमारे परिवार के लिए परेशानी बढ़ाने वाला है जब वरवरा राव की सेहत बहुत अच्छी नहीं है और मुंबई में कोविड-19 महामारी तेजी से बढ़ रही है. मुझे इस संकट के समय मुंबई तलब किया गया है.’ पुणे पुलिस ने यह दावा भी किया था कि माओवादियों से कथित रूप से संपर्क रखने वाले लोगों द्वारा सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
Posted By: Amlesh Nandan.