अमेरिका से आना था राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए VVIP विमान, तकनीकी कारणों से स्थगित
VVIP aircraft, Air India One, President, Vice President, Prime Minister, deferred due to technical reasons राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के VVIP विमान के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि तकनीकी कारणों से इसमें देरी हो रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि विमान को आज भारत पहुंचना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारण से इसके आगमन को स्थगित कर दिया गया.
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के VVIP विमान के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि तकनीकी कारणों से इसमें देरी हो रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि विमान को आज भारत पहुंचना था, लेकिन कुछ तकनीकी कारण से इसके आगमन को स्थगित कर दिया गया.
मालूम हो कुछ दिन पहले ही एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी बोइंग कंपनी से बी777 विमान हासिल करने अमेरिका गए थे. इस विमान का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शीर्ष हस्तियां करेंगी. एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया केंद्र सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी टीम का हिस्सा हैं जो बोइंग से विमान लेने अमेरिका गयी हैं.
इन दोनों विमानों के जुलाई में मिलने की उम्मीद थी जिनका इस्तेमाल केवल वीवीआईपी यात्रा के लिए होगा. बहरहाल, कोविड-19 के कारण उनकी आपूर्ति में कुछ हफ्ते का विलंब हो गया. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वीवीआईपी की यात्रा के दौरान दोनों बी777 विमानों को भारतीय वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे न कि एयर इंडिया के पायलट.
Arrival of VVIP aircraft Air India One coming from United States for President, Vice President and Prime Minister deferred due to technical reasons. The arrival was scheduled for today: Sources
— ANI (@ANI) August 25, 2020
वर्तमान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एयर इंडिया के बी747 विमान से यात्रा करते हैं जिन्हें ‘एयर इंडिया वन’ कहा जाता है. वीवीआईपी के लिए इन बी747 विमानों को एयर इंडिया के पायलट उड़ाते हैं और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड इनकी देखभाल करता है.
नये विमानों का इस्तेमाल केवल वीवीआईपी की यात्रा के लिए होगा. बी777 विमानों में अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली होगी जिसे लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स और सेल्फ प्रोटेक्शन सुईट कहा जाता है. अमेरिका दोनों रक्षा प्रणालियों को फरवरी में 19 करोड़ डॉलर में बेचने पर सहमत हुआ था.
Posted By – Arbind Kumar Mishra