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Article 370: ‘अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला बरकरार, राज्य का दर्जा जल्द बहाल हो’, SC का बड़ा निर्णय

सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुना दिया है. जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाना सही है या गलत इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्टिकल 370 अस्थाई प्रावधान था. आइए पढ़ते है विस्तार से

By Aditya kumar | December 11, 2023 11:34 AM

Article 370 : सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुना दिया है. जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाना सही है या गलत इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्टिकल 370 अस्थाई प्रावधान था. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले को बरकरार रखने का आदेश दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा जल्द बहाल हो. साथ ही सितंबर 2024 तक चुनाव कराने की बात भी कही है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा 9 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले को बरकरार रखने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई प्रमुख बातें कही है. आइए डालते है एक नजर.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें

  • अनुच्छेद 370 हटाना संवैधानिक रूप से सही है.

  • जम्मू कश्मीर पर राष्ट्रपति का फैसला वैध.

  • अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान था.

  • राष्ट्रपति के पास 370 पर फैसला लेने का अधिकार है.

  • 5 अगस्त 2019 का फैसला बरकरार रहेगा.

  • विलय के बाद जम्मू कश्मीर संप्रभु राज्य नहीं.

  • जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग.

  • कोर्ट ने कानूनी मुद्दों पर विचार किया है और प्रक्रिया पर बात.

  • राष्ट्रपति शासन की वैधता पर फैसला देने से इनकार.

  • जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं थी.

  • सितंबर 2024 तक हो चुनाव.

  • राज्य का दर्जा जल्द बहाल हो.

तीन जजों का फैसला अलग

बता दें कि इस मामले पर पांच जजों की बेंच बनी थी जिसमें सभी जज आज अपना फैसला सुनाया. जस्टिस संजीव खन्ना का फैसला अलग है. जस्टिस कौल ने भी फैसला अलग रखा है. बता दें कि कुल तीन जजों के फैसले अलग है. लेकिन, CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि फैसला अलग होने के बाद भी निष्कर्ष एक ही है. जस्टिस कौल और जस्टिस खन्ना सहमत है. वहीं, जस्टिस गवई और जस्टिस सूर्यकांत एकमत है. हालांकि, इस फैसले से पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में आपत्तिजनक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है.

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