Article 370 Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जम्मू-कश्मीर के लिए क्या है मतलब? क्या आएगा बदलाव

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति तेज हो गई है. जहां बीजेपी इसे ऐतिहासिक दिन बता रही है, तो कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने इसे निराशाजनक बताया है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमख महबूबा मुफ्ती ने फैसले पर कहा, यह मौत की सजा से कहीं से कम नहीं है.

By ArbindKumar Mishra | December 11, 2023 6:55 PM
an image

सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दशकों पुरानी बहस पर विराम लगाते हुए तीन अलग-अलग लेकिन सर्वसम्मति वाले फैसले सुनाए, जिनमें 1947 में भारत संघ में शामिल होने पर जम्मू- कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाली संवैधानिक व्यवस्था को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा गया.

सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा. केंद्र सरकार ने इसी दिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले राजनीति तेज

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति तेज हो गई है. जहां बीजेपी इसे ऐतिहासिक दिन बता रही है, तो कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने इसे निराशाजनक बताया है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमख महबूबा मुफ्ती ने फैसले पर कहा, यह मौत की सजा से कहीं से कम नहीं है. कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि फैसला आने के बाद जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराया जाना चाहिए और पूर्ण राज्य का दर्जा देना चाहिए.

Also Read: Article 370: ‘अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला बरकरार, राज्य का दर्जा जल्द बहाल हो’, SC का बड़ा निर्णय

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जम्मू-कश्मीर पर क्या पड़ेगा प्रभाव

5 अगस्त, 2019 के बाद से जम्मू और कश्मीर में कोई विधानसभा चुनाव नहीं हुआ है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यहां विधानसभा चुनाव कराया जाएगा. कोर्ट ने भी फैसला सुनान के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किए जाने और अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है.

जम्मू-कश्मीर का परिसीमन

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. जिसमें समिति ने सात सीटों का इजाफा किया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर को 90 विधानसभा सीटों वाला राज्य बना दिया. समिति ने कश्मीर क्षेत्र के लिए 47 और जम्मू क्षेत्र के लिए 43 सीटें निर्धारित की है. जो सात नयी सीटें आवंटित की गई हैं, उसमें 6 जम्मू के लिए और एक कश्मीर के लिए. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में कुल 83 विधानसभा सीटें हैं.

पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थियों को भी वोटिंग राइट्स

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बाहरी लोगों के लिए खोल दिया गए हैं. जो 5 अगस्त 2019 से पहले जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासी नहीं थे. पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, जो 70 वर्षों से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं. गृह मंत्रालय के अनुसार पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों के 5746 परिवार हैं, जिनमें से अधिकांश कठुआ, सांबा और जम्मू के तीन जिलों में रहते हैं.

Exit mobile version