Arun jaitley Death anniversary: अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी बोले- मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है

Arun jaitley Death anniversary, Pm narendra modi, Tribute to BJP leader Arun jaitley: पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के दिवंगत वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की आज पहली पुण्यतिथि है. आज ही के दिन गत वर्ष उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा था. अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. पीएम मोंदी ने ट्वीट किया- मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2020 10:10 AM
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Arun jaitley Death anniversary, Pm narendra modi, Tribute to BJP leader Arun jaitley: पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के दिवंगत वरिष्ठ नेता अरुण जेटली की आज पहली पुण्यतिथि है. आज ही के दिन गत वर्ष उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा था. अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. पीएम मोंदी ने ट्वीट किया- मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है.

पीएम मोदी ने लिखा- आज ही के दिन पिछले साल हमने अरुण जेटली जी को खो दिया था. मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है. अरुण जी ने लगन से भारत की सेवा की. उनकी बुद्धि, कानूनी कौशल और व्यक्तित्व महान था. ट्वीट में एक वीडियो भी शेयर किया है.

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लिखा- प्रखर नेता, विचारक, पद्म भूषण से सम्मानित पूर्व वित्त मंत्री स्व. श्री अरुण जेटली जी की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें शत् शत् नमन. राष्ट्र निर्माण में उनकी जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं का अप्रतिम योगदान सदैव याद किया जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि वह एक उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ, विपुल वक्ता और एक महान इंसान थे, जिनकी जगह भारतीय राजनीति में कोई नहीं ले सकता है. अमित शाह ने कहा कि अरुण जेटली बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे और वे दोस्तों के दोस्त थे, जो हमेशा अपनी विशाल विरासत, परिवर्तनकारी दृष्टि और देश भक्ति के लिए याद किए जाएंगे. गौरतलब है कि पिछले साल 24 अगस्त को ही दिल्ली के एम्स में अरुण जेटली का निधन हो गया था


अरुण जेटली…वो नेता जिसे विपक्ष भी पसंद करता था

अरुण जेटली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे हैं. 28 दिसंबर 1952 में जन्मे अरुण जेटली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासन में कई बड़े पद पर आसीन थे. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री के पद पर थे. सेहत खराब होने के कारण उन्होंने दूसरे कार्यकाल में किसी भी पदभार संभालने से मना कर दिया था देश की राजनीति को दिशा देने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

वो अर्थव्यवस्था, कानून और राजनीति की गहराई तक समझ रखने वाले विद्वान एवं दूरदर्शी नेता, कुशल संगठनकर्ता एवं रणनीतिकार के साथ-साथ व्यक्तिगत संबंधों को संजीदगी से निभाने वाले बेहद सरल इंसान थे. राजनीतिक मूल्यों एवं आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता की बदौलत उन्होंने सार्वजनिक जीवन में दलगत सीमाओं से परे, सभी दलों का सम्मान और आदर हासिल किया.

अरुण जेटली ने जीवन की हर भूमिका में अमिट छाप छोड़ी. छात्र जीवन में 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष बने और उसी वर्ष जेपी के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़े. आपातकाल में महीनों जेल में रहे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अपनी भाषण शैली से सबको प्रभावित किया. वकील की भूमिका में कानून के विद्वान के रूप में ख्याति पाई.

केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में जीएसटी, दिवालिया कानून और बैंकों के एकीकरण सहित कई बड़े बदलावों की नींव रखी. उनके विरोधी नेता भी हमेशा सम्मान से पेश आते थे. पूरा विपक्ष उनके साथ सहज रहता था और वह भी विपक्षी नेताओं के संपर्क में रहते थे. जेटली जी उन राजनेताओं में थे जो राजनीति में कटुता के बजाय सद्भाव और सामंजस्य बनाने में यकीन रखते थे. किसी भी समस्या का हल खोजने में उनकी दिलचस्पी रहती थी। वह बीच का कोई ऐसा रास्ता निकालते जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट हो जाते.

Posted By: Utpal kant

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