Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं. इसे दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा ” मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. मैं हर घर और गली-गली में जाऊंगा और जब तक मुझे जनता से फैसला नहीं मिल जाता तब तक मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.”
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल में उन्हें सोचने और किताबें पढ़ने का काफी समय मिला, जिसमें उन्होंने कई बार गीता पढ़ी. इसके साथ ही वे भगत सिंह की ‘जेल डायरी’ भी पढ़ते रहे. उन्होंने बताया कि भगत सिंह ने जेल में कई पत्र लिखे थे. केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह की शहादत के 95 साल बाद एक मुख्यमंत्री जेल गया. उन्होंने जेल से सिर्फ एक पत्र लिखा था, जो एलजी साहब को भेजा गया था, जिसमें 15 अगस्त को आतिशी को झंडा फहराने की अनुमति मांगी थी, लेकिन वह पत्र एलजी तक नहीं पहुंचाया गया और उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर दोबारा पत्र लिखा तो पारिवारिक मुलाकात बंद कर दी जाएगी. केजरीवाल ने कहा कि शायद अंग्रेजों ने भी नहीं सोचा था कि आजादी के इतने साल बाद उनसे भी ज्यादा क्रूर शासक देश में आएंगे.
विधायकों की बैठक में होगा अगले CM का फैसला- अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं, “कुछ लोग कहते हैं कि SC द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण हम काम नहीं कर पाएंगे. यहां तक कि उन्होंने हम पर प्रतिबंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो वोट करें.” मेरे लिए बड़ी संख्या में. मैं निर्वाचित होने के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा. चुनाव फरवरी में होने हैं. मैं मांग करता हूं कि नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव हो. चुनाव होने तक कोई और पार्टी का मुख्यमंत्री होगा. अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले सीएम का फैसला किया जाएगा.”
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जेल से चल सकती है सरकार- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल कहते हैं, “उन्होंने मुझे जेल भेजा क्योंकि उनका लक्ष्य आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के साहस को तोड़ना था. उन्होंने सोचा कि वे हमारी पार्टी को तोड़ देंगे और मुझे जेल में डालने के बाद दिल्ली में सरकार बनाएंगे. लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी. मैंने जेल से इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मैं भारत के संविधान की रक्षा करना चाहता था, मैं उनके फॉर्मूले को फेल करना चाहता था. SC ने केंद्र सरकार से पूछा कि कोई सरकार जेल से क्यों नहीं चल सकती. सुप्रीम कोर्ट ने साबित कर दिया कि सरकार जेल से भी चल सकती है.”