Delhi air pollution : अरविंद केजरीवाल की सरकार मजदूरों के खाते में जमा करेगी 5000 रुपये, कंस्ट्रक्शन वर्क रूका
दिल्ली सरकार द्वारा कंस्ट्रक्शन वर्क पर से रोक हटाये जाने के बाद आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन वर्क पर प्रतिबंध लगा दिया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि वे कंस्ट्रक्शन से जुड़े प्रत्येक मजदूरों के खाते में पांच हजार रुपये जमा करने का आदेश आज जारी करेंगे. अरविंद केजरवाल ने यह आदेश इसलिए दिया है क्योंकि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन वर्क को वायु प्रदूषण की वजह से रोका गया है.
I have given an order today to deposit Rs 5,000 each in bank accounts of construction workers in view of a ban on construction activities due to air pollution. We will also provide compensation to workers for their loss according to their minimum wages: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/muD7PBvzXr
— ANI (@ANI) November 25, 2021
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कंस्ट्रक्शन वर्क से जुड़े मजदूरों को मुआवजा भी प्रदान करेंगे जो उनके न्यूनतम वेतनमान के बराबर होगा. गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, यही वजह है कि दिल्ली सरकार द्वारा कंस्ट्रक्शन वर्क पर से रोक हटाये जाने के बाद आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन वर्क पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि प्रदूषण पर थोड़ा ब्रेक लगाया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट ने कंस्ट्रक्शन वर्क पर लगायी रोक
दिल्ली वायु प्रदूषण की खराब होती स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कंस्ट्रक्शन वर्क पर प्रतिबंध लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे निर्माण गतिविधियों पर रोक के दौरान मजदूरों को गुजारा भत्ता दें.
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चीफ जस्टस एन वी रमण, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की विशेष पीठ का अंतरिम आदेश बुधवार रात को वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. इसमें पीठ ने एनसीआर और इर्दगिर्द के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन दी एनसीआर ऐंड एड्जॉइनिंग एरियाज) को निर्देश दिया कि वह वायु प्रदूषण के रिकॉर्ड किए गए स्तरों पर पिछले वर्षों के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर वायु गुणवत्ता का एक वैज्ञानिक अध्ययन करे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ग्रेडेड रेस्पांस प्लान के तहत कार्रवाई शुरू करने से पहले वायु गुणवत्ता के और खराब होने का इंतजार करने की बजाय वायु गुणवत्ता के खराब होने की आशंका के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए जायें. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन कार्यों को नहीं रोका है जिनसे प्रदूषण नहीं फैलता है.
Posted By : Rajneesh Anand