ब्यूरो, नयी दिल्ली,
Arvind Kejriwal: दिल्ली में कथित शराब घोटाला मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच केजरीवाल की मुसीबत कम होती नहीं दिख रही है.
Arvind Kejriwal: इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही विशेष अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल करने वाली है. टीआरएस नेता के कविता भी इस मामले में आरोपी हैं और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. नियम के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय को 60 दिनों के अंदर अदालत में आरोप पत्र दाखिल करना होता है और कविता के मामले में 15 मई तक जांच एजेंसी को आरोप पत्र दाखिल करना है. ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि पूरक आरोप पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया जा सकता है. पिछले साल अक्टूबर महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने के लिए कानूनी सलाह ली जा रही है.
प्रवर्तन निदेशालय AAP के खाते को कर सकता है फ्रीज
जांच एजेंसी का दावा है कि दिल्ली के शराब घोटाले के पैसे का उपयोग आम आदमी पार्टी ने गोवा चुनाव में किया. अगर आप को आरोपी बनाया जाता है तो प्रवर्तन निदेशालय पार्टी के खाते को फ्रीज कर सकता है. आम आदमी पार्टी नेताओं का आरोप है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी और उसके नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद पद से इस्तीफा नहीं दिया है. आप नेताओं का कहना है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे और वे जेल से ही सरकार का संचालन करेंगे. इस बीच भाजपा केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रही है. वहीं केंद्र सरकार दिल्ली की मौजूदा राजनीतिक हालात पर नजर बनाए हुए हुए है. केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहता है.
गृह मंत्रालय ले सकता है बड़ा फैसला
गृह मंत्रालय केजरीवाल द्वारा सभी कानूनी विकल्पों का प्रयोग करने और अदालत से राहत नहीं मिलने की स्थिति में ही कोई कदम उठायेगा. हालांकि लेफ्टिनेंट गवर्नर द्वारा आम जन से जुड़े मुद्दे पर दिल्ली सरकार की ओर से फैसला न लिये जाने की जो बात बतायी गयी है, उसका भी गृह मंत्रालय अध्ययन कर रहा है. प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 29 अप्रैल को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद केंद्र सरकार दिल्ली को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकता है.