Arvind Kejriwal News: अरविन्द केजरीवाल के आबकारी नीति मामले में सुनवाई टली, अब 23 को होगा फैसला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. अब 23 तारीख को इस मामले की फिर सुनावाई होगी. बता दें कि इससे पहले 5 अगस्त को हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को वैध ठहराया था.

By Kushal Singh | August 14, 2024 12:09 PM
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Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की किस्मत का फैसला आज सुप्रीम कोर्ट में होना था. इससे पहले 5 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उनकी गिरफ्तारी को वैध ठहराया था. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई थी. अब पार्टी को उम्मीद है कि मनीष सिसोदिया के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को भी जमानत मिलने की संभावना थी. बता दें की अरविन्द केजरीवाल पर लगे कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गयी है. इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जमानत के अनुरोध वाली केजरीवाल की याचिका पर भी अलग से सुनवाई होनी थी. अरविन्द केजरीवाल के गिरफ्तारी के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गयी है. सुनवाई टली अब 23 तारीख को होगी अगली सुनवाई.

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न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्ज्ल भुइयां
की पीठ ने की आज की मामले की सुनवाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस मामले न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ की दोनों याचिकाओं पर सुनवाई की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को जब अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया, तो सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी. अब अरविन्द केजरीवाल के गिरफ्तारी के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गयी है.

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हाई कोर्ट ने कहा था केजरीवाल की गिरफ्तारी असंवैधानिक नहीं

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को कहा था कि अरविन्द केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध है. इसके आगे हाई कोर्ट ने कहा था कि CBI के कृत्यों में कोई दुर्भावना नहीं थी. जिससे यह पता चलता है कि आप नेता किस तरह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सके. बताते चलें कि हाई कोर्ट ने उनसे सीबीआई मामले में नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने को कहा था. कोर्ट ने आगे कहा था कि सीबीआई द्वारा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी और सबूत जुटाने के बाद उनके खिलाफ ‘लूप ऑफ एविडेंस’ को बंद कर दिया गया था और यह नहीं कहा जा सकता कि यह बिना किसी उचित कारण के या अवैध था.

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