केजरीवाल बोले – अर्थव्यवस्था है सकंट में लबें समय तक नहीं रख सकते लॉकडाउन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी छूटो को लागू करेगी.उन्होंने बताया 4 मई से शुरू हो रहे तीसरे लॉकडाउन में सभी कार्यालय खोले जाएंगे इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम ज्यादा समय तक लॉकडाउन में नहीं रह पाएंगे क्योकि अर्थव्यवस्था संकट में है.
नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी छूटो को लागू करेगी.उन्होंने बताया 4 मई से शुरू हो रहे तीसरे लॉकडाउन में सभी कार्यालय खोले जाएंगे इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम ज्यादा समय तक लॉकडाउन में नहीं रह पाएंगे क्योकि अर्थव्यवस्था संकट में है.
उन्होंने एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि जो सरकारी कार्यालय अत्यावश्यक सेवाएं मुहैया कराते हैं उनमें 100 फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति रहेगी और जो दूसरे सरकारी कार्यालय होंगे उनमें उप सचिव के अलावा 33 फीसदी कर्मचारी आएंगे.
We will not be able to sustain the lockdown for long as the economy is in peril. The revenue has fallen from Rs 3500 Crores in April month of previous years to Rs 300 Crores this year. How will the government function?: Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal pic.twitter.com/o4vHjFHSdX
— ANI (@ANI) May 3, 2020
केजरीवाल ने कहा कि सरकार सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड़ों को बनाए रखने के लिए शादी कार्यक्रम में 50 और अंतिम संस्कार में 20 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं होगी.
उन्होंने कहा दिल्ली आज लॉकडाउन हटाने के लिए तैयार है.मेरा मानना है कि लॉकडाउन एक और दो में हमें जो समय मिला उसका इस्तेमाल हमने कोरोनावायरस से निपटने के लिए किया है.हमने पर्याप्त व्यवस्था की है और हमारा स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना से लड़ने के लिए तैयार है.
उन्होंने ये भी बताया कि हम लॉकडाउन में ज्यादा समय तक नहीं रह पाएंगे क्योंकि अर्थव्यवस्था सकंट में है.राजस्व पिछले साल में अप्रैल महीने में 3500 करोड़ के मुकाबले 300 करोड़ रुपये तक गिर गया है. सरकार काम कैसे करेगी.
उन्होंन कहा 24 मार्च को तालाबंदी का केंद्र का फैसला बहुत महत्वपूर्ण था अगर हमने तालाबंदी लागू नहीं की होती तो देश में स्थिति अब और भयानक हो सकती थी.उस समय देश कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं था। हमें सोशल डिस्टेंसिंग का कोई अंदाजा नहीं था, न ही लोग या अस्पताल इसके लिए तैयार थे.