Aryan Khan Drug Case : क्रूज ड्रग केस मामले के गवाह पहले भी एनसीबी के कई केस में दे चुके हैं गवाही
क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी हुई. इस मामले में सामने आये गवाहों के नाम एनसीबी के पिछले कई मामलों से मिलते हैं. इन गवाहों ने एनसीबी के साल 2020 से अबतक पांच केस में गवाही दी है.
क्रूज ड्रग्स पार्टी में गिरफ्तार आर्यन खान सहित दूसरे लोगों की गिरफ्तारी के मामले में एनसीबी ने जिन लोगोें को गवाह बनाया है वह एनसीबी के कई मामलों में पहले भी गवाह हैं. इस पूरे मामले को लेकर बवाल मचा है. महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने इस पूरे मामले में एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की गिरफ्तारी के मामले में एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़ पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई तरह के आरोप लगाये हैं. अब इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर ने इस मामले में गवाहों को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है.
क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान की गिरफ्तारी हुई. इस मामले में सामने आये गवाहों के नाम एनसीबी के पिछले कई मामलों से मिलते हैं. इन गवाहों ने एनसीबी के साल 2020 से अबतक पांच केस में गवाही दी है.
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इस पूरे मामले में दो गवाहों पर सवाल खड़े हो रहे हैं इनमें केपी गोसावी एक वांछित अपराधी जिसकी गिरफ्तारी हो चुकी है. दूसरा व्यक्ति मनीष भानुशाली है. मनीष का संबंध भारतीय जनता पार्टी से है. गवाह प्रभाकर सेल ने भी समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया कि उन्होंने कोरे कागज में उनसे हस्ताक्षर लिया है.
एक तरफ एनसीपी नेता नवाब मलिक समीर वानखेड़े को कटघरे में खड़े कर रहे हैं तो दूसरी तरफ एजेंसी को भी घेरा जा रहा है. एनसीबी ने जिन 10 गवाहों को पेश किया था उनमें से एक आदिल फजल उस्मानी ऐसा है जिसका इस्तेमाल एजेंसी पांच मामलों में कर चुकी है.
इस मामले में एनसीबी अधिकारियों ने कहा है कि ड्रग्स के मामले में जब रेड होता है तो गवाहों को चुनना कठिन काम है. लोग सच नहीं बताते ये सभी पुलिस की हिरासत में हैं और इन्हें स्वतंत्र गवाह नहीं माना जा सकता है.
उस्मानी, गोसावी, भानुशाली और सैल के अलावा एनसीबी ने ऑब्रे गोमेज, वी वैगंकर, अपर्णा राणे, प्रकाश बहादुर, शोएब फैज और मुजाम्मिल इब्राहिम को गवाह बनाया गया. इनमें से कुछ सुरक्षा के काम करने वाले स्टॉफ हैं. उस्मानी जोगेश्वरी का रहने वाला है. उसे पहले बी गांजा, ड्रग्स से जुड़े पांच अन्य मामलों में गवाह बनाया गया है.
इन सभी मामलों में उस्मानी के नाम के साथ- साथ उसका एक ही पता लिखा है. इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस पते पर उस्मानी की तलाश की तो वो नहीं मिला. इस पूरे मामले पर एनसीबी ने झूठा केस बनाने के लिए उसके पास से 60 ग्राम ड्रग्स बरामद की.
रिपोर्ट के अनुसार ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है इससे पहले भी एनसीबी ने पिछले दो सालों में कई मामलों में एक ही गवाह का उपयोग किया है. एनसीबी के अधिकारियों को कहना है कि इसमें कुछ भी नया नहीं है. ऐसे लोग इन मामलों से जुड़े होते हैं ऐसे में उनकी गवाही नयी बात नहीं है.