Chief of Defence Staff जनरल बिपिन रावत की बुधवार को तमिलनाडु में हेलिकाॅप्टर क्रैश में मौत के बाद सीडीएस का पद खाली हो गयी है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि सरकार जल्दी ही नये सीडीएस की नियुक्ति की घोषणा करेगी.
पीटीआई न्यूज एजेंसी के अनुसार सरकार जल्दी ही अगले Chief of Defence Staff (प्रमुख रक्षा अध्यक्ष) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी. जानकारी के अनुसार नये सीडीएस के पद के लिए जिन्हें सबसे योग्य माना जा रहा है उनमें सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे हैं का नाम सबसे आगे है.
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के पक्ष में कई सेवानिवृत्त सैन्य कमांडरों ने कहा है कि जनरल नरवणे को इस पद पर नियुक्त करना विवेकपूर्ण कदम होगा क्योंकि वह पांच महीने के अंदर सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
जानकारी के अनुसार नये सीडीएस की नियुक्ति के लिए सरकार सेना, नौसेना और वायु सेना के वरिष्ठ कमांडरों की एक समिति बनाएगी. तीनों सेनाओं की यह समिति अगले दो-तीन दिनों के अंदर जिन नामों की अनुशंसा अगले सीडीएस के लिए सरकार उन नामों पर विचार करेगी और उसके बाद नये सीडीएस की नियुक्ति संभव है.
तीनों सेना की समिति जिन नामों की सिफारिश करेगी उसे अंतिम रूप देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास भेजा जायेगा. रक्षा मंत्री से मंजूरी मिलने के बाद नामों पर विचार के लिए उन्हें कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास भेजा जाएगा जो भारत के अगले सीडीएस के नाम पर अंतिम निर्णय लेगी. यह जानकारी मामले के जानकारों ने दी है.
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अभी देश में सीडीएस की नियुक्ति के लिए कोई नियम या प्रक्रिया नहीं है. सरकार सीमा सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते सरकार नये सीडीएस की नियुक्ति करेगी. वर्तमान में सीडीएस की नियुक्ति के लिए बुनियादी मानदंड बिलकुल सरल हैं. तीनों सेना थल सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना का कोई भी कमांडिंग ऑफिसर सीडीएस के पद के लिए पात्र है. सरकार को सैन्य अधिकारी की योग्यता-सह-वरिष्ठता के आधार पर निर्णय लेना होता है. सीडीएस नियुक्त होने वाले अधिकारी की उम्र 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे जनरल बिपिन रावत के बाद सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. जनरल नरवणे का कार्यकाल अप्रैल 2022 में समाप्त हो रहा है यही वजह है कि उन्हें सीडीएस पद के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है.
जनरल नरवणे ने दिसंबर 2019 में जनरल बिपिन रावत से भारतीय सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था. यह उन्हें सशस्त्र बलों के दो अन्य प्रमुखों की तुलना में वरिष्ठता की सूची में भी शीर्ष पर रखता है. जनरल नरवणे के प्रदर्शन एवं पूर्वी लद्दाख गतिरोध को जिस तरीके से उन्होंने संभाला, उसे देखते हुए शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति की संभावना ज्यादा है. हालांकि एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और एडमिरल आर हरि कुमार के नाम पर भी विचार संभव है. जनरल बिपिन रावत को जब भारतीय सेना का प्रमुख बनाया गया था उस वक्त दो अधिकारी उनसे वरिष्ठ थे.