ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गयी है. यह शिकायत हिंदू सेना की ओर से दर्ज करवाई गयी है जिसमें कहा गया है कि इन्होंने रामलला के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने का काम किया है.
शिकायत दिल्ली पुलिस के पास की गयी है. अपनी शिकायत में हिंदू सेना ने कहा है कि ओवैसी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रामलला, उनकी संपत्ति, हिंदू समुदाय और पूजा स्थल के खिलाफ नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. यह स्पष्ट रूप से रामलला के पक्ष में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला है.
गौरतलब है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया था जिसपर हंगामा मचा हुआ है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी….दिल्ली पुलिस के पास दर्ज शिकायत में हिंदू सेना ने इस ट्वीट का जिक्र किया है. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी ट्वीट किया था.
मोदी ने सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि हिंदू राष्ट्र की भी नींव रखी : इधर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपनी आधिकारिक क्षमता में शामिल होने को गलत बताते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने न सिर्फ मंदिर बल्कि ‘हिंदू राष्ट्र’ की भी नींव रखी. ओवैसी ने कहा कि यह दिन “स्वतंत्रता और समानता पर बहुसंख्यवाद” की जीत के तौर पर याद किया जाएगा.
#BabriMasjid thi, hai aur rahegi inshallah #BabriZindaHai pic.twitter.com/RIhWyUjcYT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2020
धर्मनिरपेक्षता पर हिन्दुत्व की जीत : ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का वहां जाकर भूमि पूजन में भाग लेना… आज धर्मनिरपेक्षता पर हिन्दुत्व की जीत है. उन्होंने कहा कि वह और करोड़ों मुसलमान, हिंदू, बौद्ध और सिख सभी भावुक हैं क्योंकि वे सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि वह भावुक हैं क्योंकि उस जगह 450 सालों से एक मस्जिद खड़ी थी और भाजपा, संघ, विहिप और तथा कथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने 6 दिसंबर 1992 को उसे उच्चतम न्यायालय में यह आश्वासन देने के बावजूद ढहा दिया कि बाबरी मस्जिद को उस दिन छुआ नहीं जाएगा.
Posted By : Amitabh Kumar