मध्यप्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को ‘लव जिहाद’ के खिलाफ ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020′ को मंजूरी दी. इस अध्यादेश के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति शादी या धोखे से धर्मांतरण करवाता है, तो उसे अधिकतम 10 साल की सजा होगी. मध्यप्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बने हैं.
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने पर AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान का मजाक उड़ाना बताया है. उन्होंने कहा कि संविधान में लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है. हमारे देश में किसी के व्यक्तिगत मामलों में कोई दखल नहीं दे सकता है. यह नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि न्यायालयों ने स्पष्ट किया है कि भारत के संविधान के तहत अनुच्छेद 21, 14 और 25 के तहत किसी भी भारतीय नागरिक के व्यक्तिगत जीवन में किसी भी सरकार की कोई भूमिका नहीं है. भाजपा नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है.
There's no definition of Love-Jihad anywhere in the Constitution. BJP ruled states are making a mockery of constitution through Love Jihad laws… If BJP governed states want to make a law, then they should make a law for MSP & providing employment: AIMIM Chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/n8tikKD9u7
— ANI (@ANI) December 29, 2020
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून को बने हुए एक महीना बीत चुका है. इस एक महीने में में लव जिहाद के खिलाफ 14 मामले दर्ज किये गये और 51 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें से 49 लोग अभी भी हिरासत में हैं, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि इन 14 मामलों में से मात्र दो मामलों में ही पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई है.
कुछ ऐसे मामले में सामने आये, जिसमें पीड़िता ने यह कहा कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला मुरादाबाद से आया था, जहां लड़की ने टीवी के सामने आकर यह कहा था कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है उन्होंने शादी की है और वे दोनों खुश हैं.
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क्या है लव जिहाद
‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल वैसी शादी के लिए किया जाता है, जिसमें कोई मुस्लिम पुरुष धर्मांतरण के इरादे से किसी महिला से शादी करता है और उसका धर्म परिवर्तन कराता है. साल 2009 में केरल और कर्नाटक के क्रमशः कैथोलिक और हिंदू समूहों ने आरोप लगाया था कि उनके समुदाय की महिलाओं का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण किया जा रहा है. इसके बाद ‘लव जिहाद’ शब्द का पहली बार इस्तेमाल किया गया, लेकिन यह 2014 में उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के दौरान पहली बार प्रचलित हुआ, जब भाजपा ने इसे व्यापक तौर पर उठाया.
Posted By : Rajneesh Anand