नई दिल्ली : एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने देश में कोरोना महामारी को लेकर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा है कि भारत के वजीरे आजम को इस मुल्क के आवाम से माफी मांगना पड़ेगा. उनकी हुकूमत की गलती, उनकी हुकूमत की काहिली, उनकी हुकूमत की गलत प्लानिंग की वजह से आज हमारे मुल्क में ऑफिशियली 4 हजार लोग मर रहे हैं. चार हजार लोग नहीं मर रहे हैं. मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि नरेंद्र मोदी ये जानते हैं कि इस मुल्क में रोज 10 हजार मौतें हो रही हैं और ये तमाम जिम्मेदारी भारत के प्रधानमंत्री पर आयद होगी.
ओवैसी ने कहा कि मेरे मुखालिफिन ये समझ रहे होंगे कि असदुद्दीन ओवैसी सियासी बात कर रहा है, लेकिन नहीं कर रहा हूं. पूरे दलायल के साथ कह रहा हूं कि इस हुकूमत को इनके साइंटिस्ट बोल चुके थे कि कोविड-19 का दूसरा वेव आएगा, ये सो रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि इनके पास हर चीज बता दी गई, लेकिन इन्होंने कुछ तैयारी नहीं की थी. आप बताइए, सुप्रीम कोर्ट के सामने जाकर हुकूमत कहती है कि वजीरे आजम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ऑक्सीजन के जिम्मेदार हैं. अगर नरेंद्र मोदी, अमित शाह ऑक्सीजन के जिम्मेदार हैं, तो सुप्रीम कोर्ट ने अलहदा कमेटी क्यों बनाई?
ओवैसी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अलहदा कमेटी इसलिए बनाई कि वजीरे आजम और होम मिनिस्टर पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट की कमेटी बना दी. क्या इस बात को नहीं मानते वजीरे आजम कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आपका एएसजी उठकर कहता है कि इस मुल्क में ऑक्सीजन की जिम्मेदारी वजीरे आजम, वजीरे दाखिला की है, तो सुप्रीम कोर्ट ने आपकी बात को मुस्तरक क्यों किया? इसलिए मुस्तरक किया कि आपमें वो काबिलियत नहीं है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आप पर भरोसा नहीं किया. एखलाखी तौर पर आप हुकूमत करने का अख्तियार खो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दूसरी बात क्या कही? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी वैक्सीन की पॉलिसी भारत के संविधान में बुनियादी हक के खिलाफ है. और आप क्या कर रहे हैं? किसी को वैक्सीन लेना है, तो उस ऐप में जाओ. नाम तारीख क्यों डालना चाहिए. निकाल के फेंकिए उसको. जिस किसी को इंजेक्शन लेना है, पूरे लोग आएंगे. उनको इंजेक्शन दो आप, मगर नहीं. ऐप में जाते नहीं लोग और जाते भी हैं, तो फिर वह इंजेक्शन नहीं मिलता.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी हुकूमत वैक्सीन नहीं दे रही है स्टेट गवर्नमेंट को. अगर वैक्सीन दे देते, तो आज ये नौबत नहीं आती. आज लोग लेने को तैयार हैं वैक्सीन, पर वैक्सीन ही नहीं है. हम अमेरिका के शुक्रगुजार हैं. अमेरिका कह रहा है कि उस लाइसेंस का इस्तेमाल कर जो कोई भी चाहे वैक्सीन बना ले, लेकिन हमारे मुल्क में वजीरे आजम. आईसीएमआर ने दो कंपनियों को लाइसेंसे दिया. आप और कंपनियों को लाइसेंस क्यों नहीं देते. सिर्फ दो कंपनियां ही वैक्सीन क्यों बनाएं.
उन्होंने कहा कि भारत के कानून में पेटेंट एक्ट-1992 के तहत लाइसेंस दे सकते हैं, तो दीजिए न. सिर्फ दो कंपनियां कैसे बनाएंगे 137 करोड़ लोगों के लिए. और इस रफ्तार से चलेंगे काम, तो कैसे काम चलेगा. इस दो साल में कितने लोग मरेंगे, कितने लोग बीमार पड़ेंगे. ये हुकूमत कहां है? हुकूमत गायब है, हुकूमत कुछ नहीं है. हुकुमत कहीं नजर नहीं आ रही है. हुकूमत की काहिली हमको कब्रिस्तान में, श्मशान में दिख रही है. हुकूमत की नाकामी हमको मरने वालों की आहों और सिसकियों में नजर आ रही है.
उन्होंने कहा कि कहीं पर कुछ नहीं है. ऑक्सीजन सप्लाई करना गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी है और गवर्नमेंट ऑफ इंडिया सरासर नाकाम साबित हो रही है. ऑक्सीजन सप्लाई करना आपका काम है वजीरे आजम. ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है. इसके बाजवूद आप झूठ बोल रहे हैं. आपकी सरकार कह रही है कि ट्रेन में आ रहा है. कहीं नहीं आ रहा है. ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. दिल्ली में ऑक्सीजन नहीं है, मध्य प्रदेश में नहीं है, उत्तर प्रदेश में नहीं है ऑक्सीजन. किसी रियासत में ऑक्सीजन नहीं है. आंध्रा हुकूमत कह रही है, तेलंगाना हुकूमत कह रही है कि हमको 500 मीट्रिक टन दिया जाए. रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं है, वैक्सीन नहीं है. सिर्फ आप बात करेंगे चीफ मिनिस्टर्स से. इसीलिए भारत के वजीरे आजम को भारत के लोगों से माफी जाना पड़ेगा.
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Posted by : Vishwat Sen