Rajasthan Chunav 2023 : राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार मैदान में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भी ताल ठोंकने को तैयार है. पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है जिसके बाद समीकरण बदलने के आसार जताये जाने लगे हैं. प्रदेश में 400 सीट है जिसमें ओवैसी की पार्टी 40 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी.
असदुद्दीन ओवैसी की मुस्लिम वोट बैंक पर नजर है. इसलिए संभावना जतायी जा रही है कि एआईएमआईएम मुस्लिम बहुल इलाकों में अपने उम्मीदवार को उतारेगी. राजनीतिक जानकारों की मानें तो यदि एआईएमआईएम मुस्लिम आबादी वाले इलाके में अपने उम्मीदवार उतारती है तो इससे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. पूर्वी राजस्थान के अलवर, सवाई माधोपुर और टोंक की सीटों पर हार और जीत का फैसला मुसलिम वोटर के वोट से होता है.
वर्तमान में देखें तो इन इलाकों की 40 में से 33 सीट कांग्रेस के पास है. अब इस इलाके की सीट कांग्रेस किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहेगी. 40 में से 33 कांग्रेस के पास होने का मतलब ये हैं कि 29 सीट पिछले चुनाव में खुद कांग्रेस ने जीता था जबकि 3 पर बसपा और 1 पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी जो अभी कांग्रेस के साथ है. इन 40 सीट में से सात सीट भाजपा के पास है.
यहां चर्चा कर दें कि साल के अंत तक राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश में हर साल सत्ता बदलने का ट्रेंड है. इस बार एआईएमआईएम यहां अपनी जमीन तलाशने में जुटी हुई है जिससे चुनाव रोचक हो सकता है. एआईएमआईएम 40 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगा. अब देखने वाली बात होगी कि ओवैसी की पार्टी प्रदेश के चुनाव में अपना कितना प्रभाव छोड़ पाती है.
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भरतपुर के दो युवकों के अपहरण व हत्या के मामले में असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि राज्य की पुलिस ने इन युवकों की गुमशुदगी रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई नहीं की. यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं केवल इसलिए होती हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ऐसे संगठनों की ‘मदद व सरपरस्ती’ करती है.