आसाराम को हाईकोर्ट से भी मिला झटका, जमानत याचिका खारिज
आसाराम के वकीलों ने कोर्ट में यह दावा किया था कि जिस लड़के के मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है वह बालिग है इसलिए उसे नाबालिग मानकर लगायी गयी पोस्कों एक्ट की धारा हटायी जानी चाहिए, कोर्ट ने उनकी इस याचिका को भी खारिज कर दिया.
नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में पिछले कई सालों से जेल में बंद आसाराम जमानत की उम्मीद लगाये बैठे थे लेकिन उनकी इस जमानत याचिका को अब हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने एक नहीं आसाराम की दो याचिकाओं को खारिज किया है जिनमें से उन पर से पोस्को एक्ट हटाने की याचिका थी.
आसाराम के वकीलों ने कोर्ट में यह दावा किया था कि जिस लड़के के मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है वह बालिग है इसलिए उसे नाबालिग मानकर लगायी गयी पोस्कों एक्ट की धारा हटायी जानी चाहिए, कोर्ट ने उनकी इस याचिका को भी खारिज कर दिया.
आसाराम के वकीलों ने इस मामले के मुख्य गवाह एसआई नितिन दुबे से दोबारा परीक्षण की मांग रखी थी उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट में दायर यह दोनों याचिका पहले ही निचली अदालतों में खारिज की जा चुकी है.
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आसाराम को उम्मीद थी कि हाईकोर्ट ना सिर्फ इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा बल्कि उनकी जमानत की अपील भी मंजूर कर ली जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ हाल में आसाराम ने कहा था कि उन्हें सजा नहीं हुई है इसलिए उन्हें भरोसा है उन्हें जमानत मिल जायेगी लेकिन हाई कोर्ट ने आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया
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साल 2013 में 16 साल की एक लड़की ने आसाराम पर आश्रम में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद 2014 में आसाराम बापू को गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान में, वह जोधपुर जेल में अपनी सजा काट रहे थे. वहीं कोरोना के दोबारा आए लहर में जेल के अंदर ही आसाराम व 12 अन्य कैदी हाल में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.