Asaram Bapu: 11 साल में पहली बार आसाराम बापू को मिली राहत, राजस्थान हाईकोर्ट ने दी 7 दिन की पैरोल
Asaram Bapu: आसाराम ने आयुर्वेदिक उपचार पर जोर दिया था और अदालत से अनुरोध किया था कि उसे विशेष रूप से पुणे के माधवबाग मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक केयर क्लीनिक एवं अस्पताल में उपचार की अनुमति दी जाए. राजस्थान हाई कोर्ट ने उनकी अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें 7 दिन की पैरोल दो दी.
Asaram Bapu: राजस्थान हाई कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को राहत दी है. 11 सालों से जेल में बंद आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिन तक इलाज कराने की मंगलवार को अनुमति दी है. हाई कोर्ट की जोधपुर पीठ के न्यायमूर्ति पीएस भाटी और न्यायमूर्ति मुन्नुरी लक्ष्मण ने निर्देश दिया कि आसाराम सात दिनों तक पुलिस हिरासत में अस्पताल में इलाज के लिए रहेगा. कोर्ट ने आसाराम को 7 दिनों की पैरोल पर रिहा किया है. बता दें, सितंबर 2013 में गिरफ्तार किए गए आसाराम को हृदय संबंधी बीमारी के बाद दो दिन तक एम्स जोधपुर में भर्ती कराया गया था.
आसाराम ने आयुर्वेदिक उपचार पर दिया था जोर
आसाराम ने आयुर्वेदिक उपचार पर जोर दिया था और अदालत से अनुरोध किया था कि उसे विशेष रूप से पुणे के माधवबाग मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक केयर क्लीनिक एवं अस्पताल में उपचार की अनुमति दी जाए. इससे पहले, इस साल मार्च में भी आसाराम ने 14 दिन के पैरोल के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. लेकिन पुणे पुलिस की रिपोर्ट के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी. पुलिस की रिपोर्ट में अस्पताल में आसाराम के रहने के दौरान कानून-व्यवस्था को संभावित खतरे की आशंका जताई गई थी. इसके बाद आसाराम को जोधपुर के एक निजी अस्पताल में करीब एक पखवाड़े तक आयुर्वेदिक उपचार की अनुमति दी गई.
कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
आसाराम की स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने की याचिका को इससे पहले हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. आसाराम को 2013 में इंदौर में अपने आश्रम में एक किशोरी से कथित रूप से दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत गठित विशेष अदालत ने उसे दोषी ठहराया था.
गुजरात की एक अदालत ने जनवरी 2023 में एक महिला शिष्या से जुड़े एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सूरत की रहने वाली पीड़िता ने आसाराम पर 2013 में अपने आश्रम में कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.
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