बोधगया : भगवान बुद्ध द्वारा पहले धम्मचक प्रवर्तन (धम्मोपदेश) दिये जाने की तिथि के अवसर पर शनिवार को महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी. सुबह महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा के नेतृत्व में अन्य भिक्षुओं द्वारा सूत्तपाठ किया जायेगा. इसे बीटीएमसी के फेसबुक पर भी अपलोड किया जायेगा. मुख्य पुजारी ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध ने अषाढ़ पूर्णिमा के एक दिन पहले पहला धम्मोपदेश दिया था. इस कारण शनिवार की सुबह महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के साथ सूत्तपाठ किया जायेगा.
शनिवार को पडऩे वाले आषाढ़ पूर्णिमा को भारत सरकार धर्मचक्र दिवस के रूप में मनायी जा रही है. इसी दिन भगवान बुद्ध ने उत्तर प्रदेश में वाराणसी के पास सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था, जिसे उनके पांच शिष्यों ने सुना था. बता दें कि आषाढ़ पूर्णिमा के कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन से किया जबकि प्रधानमंत्री अपना वीडियो संदेश जारी कर देश को संबोधित किया.
अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं. इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. आज का दिन हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया. उस भावना में, हम भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग कई समाज और राष्ट्र के कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है. यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है.