लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को महाराष्ट्र में पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने जोरदार झटका दिया है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मंगलवार को वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. खबरों की मानें तो चव्हाण के बीजेपी का दामन थामने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है. महाराष्ट्र कांग्रेस की राह आसान नहीं दिख रही है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का कदम उठाया.
क्यों अशोक चव्हाण ने दिया इस्तीफा
अशोक चव्हाण की ओर से मामले को लेकर प्रतिक्रिया दी गई है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला निजी है. अपने फैाले के लिए वह कोई कारण नहीं बताना चाहते. चव्हाण की ओर से उन दावों का भी खंडन किया है जिसमें कहा गया कि संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र ने उन्हें कांग्रेस से इस्तीफा देने पर मजबूर किया. आपको बता दें कि श्वेत पत्र में मुंबई में एक आवासीय सोसाइटी से संबंधित आदर्श सोसाइटी घोटाले का जिक्र है, जिसके कारण चव्हाण को 2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा था.
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जानें कौन हैं अशोक चव्हाण
अशोक चव्हाण की बात करें तो वे महाराष्ट्र में कांग्रेस का ऐसा चेहरा माने जाते हैं जो हर मुश्किल से पार्टी को बाहर लाने की ताकत रखते थे. मोदी लहर होने के बाद भी 2014 में नांदेड सीट से उन्होंने कांग्रेस का परचम लहराया था. अशोक चव्हाण मूल रूप से औरंगाबाद जिले की पैठण तहसील के रहने वाले हैं. हालांकि उनके पूर्वज नांदेड़ में आकर बसे. इसके बाद से वो नांदेडकर कहलाने लगे. उन्हें राजनीतिक गुरू उनके पिता थे, जो दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. चव्हाण के पिता शंकरराव चव्हाण की ही बदौलत मराठवाड़ा में कांग्रेस को मजबूती मिली.सत्ता विरोधी लहर होने के बावजूद कांग्रेस को कोई यहां से डिगाने में सफल नहीं हो सका.
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