अशोक गहलोत का बड़ा आरोप : अमित शाह दंगों की जांच का क्यों नहीं देते आदेश, इनमें भाजपा-आरएसएस का हाथ
अशोक गहलोत ने अपने आरोपों में कहा कि राजस्थान में हुए सांप्रदायिक दंगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि करौली में हुए दंगे का मुख्य आरोपी भाजपा का सदस्य है. उन्होंने कहा कि रामगढ़ में मंदिर तोड़े गए. वहां भाजपा का बोर्ड है और इस बोर्ड के 35 में से 34 सदस्य भाजपा के हैं.
जयपुर/नई दिल्ली : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि देश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में तनाव और हिंसा का माहौल है. हर धार्मिक जुलूस के वक्त दंगे भड़क रहे हैं और जहां-जहां चुनाव होने हैं, वहां ये दंगे ज्यादा भड़कने शुरू हो जाते हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हम तो ये कहेंगे कि इसके पीछे आरएसएस-भाजपा का हाथ है. उन्होंने गृह मंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि अमित शाह सात राज्यों में हुए दंगों की जांच का आदेश देने का साहस क्यों नहीं दिखाते? उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आरएसएस के प्रचारक हैं. आरएसएस और भाजपा का विलय क्यों नहीं हो जाता?
दंगों में आरएसएस-भाजपा का हाथ
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर जगह तनाव और हिंसा का माहौल बना हुआ है. हर धार्मिक जुलूसों के वक्त दंगे भड़क जाते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जहां-जहां चुनाव होते हैं, वहां दंगे ज्यादा भड़कने शुरू हो जाते हैं. गहलोत ने कहा कि हम तो ये कहेंगे कि इसके पीछे आरएसएस और भाजपा का हाथ है.
#WATCH | Why is Union Home Minister Amit Shah not showing courage to order a probe (on riots in 7 states) so that they are prevented in the future…PM Modi is 'RSS Prachark'… Why don't RSS and BJP merge in themselves…: Congress leader & Rajasthan CM Ashok Gehlot, in Udaipur pic.twitter.com/BrqBltU4nS
— ANI (@ANI) May 16, 2022
करौली दंगे का मुख्य आरोप भाजपाई
अशोक गहलोत ने अपने आरोपों में कहा कि राजस्थान में हुए सांप्रदायिक दंगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि करौली में हुए दंगे का मुख्य आरोपी भाजपा का सदस्य है. उन्होंने कहा कि रामगढ़ में मंदिर तोड़े गए. वहां भाजपा का बोर्ड है और इस बोर्ड के 35 में से 34 सदस्य भाजपा के हैं. उन्होंने कहा कि इस बोर्ड के अधिकांश सदस्य भाजपा के हैं और मंदिर तोड़ने का आरोप कांग्रेस पर लगाया जा रहा है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जोधपुर में कोई घटना ही नहीं हुई थी, बल्कि घटना बना दी गई.
सात राज्यों के दंगों की जांच क्यों नहीं कराते अमित शाह
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांप्रदायिक दंगों की जांच को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश के सात राज्यों में हुए दंगों की जांच करने का साहस क्यों नहीं दिखाते, ताकि भविष्य में इस प्रकार के दंगों को रोका जा सके. उन्होंने अपने आरोपों में यह भी कहा कि पीएम मोदी आरएसएस के प्रचारक हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा का आपस में विलय क्यों नहीं कर दिया जाता?
राजस्थान में दंगे की बनाई गई मजबूत योजना
गहलोत ने कहा कि भाजपा-आरएसएस का एजेंडा हिन्दुत्व का है और उसके कारण दंगे करवा रहे हैं. इसके जरिए चुनाव में ध्रुवीकरण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में दुनिया क्या सोचती होगी कि चुनाव के दौरान भाजपा ने 403 टिकटों में से एक भी टिकट अल्पसंख्यकों को नहीं दिया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो तनाव पैदा किया गया, वहां दंगे भड़क सकते थे, लेकिन एक मौत नहीं हो पाई. कुछ दुकानें जरूर झुलसी हैं. इन्होंने मजबूती के साथ दंगे की योजना बनाई, लेकिन हमने इसे विफल किया है. अभी भी हम छोड़ेंगे नहीं. राजस्थान में जो घटना हुई है, उसकी जांच चल रही है.
राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग
इसके साथ ही, उन्होंने उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर पर उन्होंने कहा कि नव संकल्प शिविर बहुत सही समय पर आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग सबकी है. वे पार्टी की कमान संभालें. उन्होंने कहा कि एक बार पूरे देश के तमाम प्रदेश अध्यक्षों से, विधायक दल के नेता, भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों से, भूतपूर्व अध्यक्षों से राय ली गई थी. एक आदमी को छोड़कर सभी ने कहा कि राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष बनें.
भारत की एकता-अखंडता रहेगी बरकरार
उन्होंने कहा कि तीन दिन का जो शिविर आयोजित किया गया, इसमें जो गंभीरता और रूचि दिखाई गई है और जो फैसले हुए हैं, उससे लगता है कि ये नए सिरे से लागू होंगे और कांग्रेस एक मज़बूत पार्टी के रूप में और मज़बूत होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की एकता और अखंडता को बरकरार रखते हुए सबको एक साथ जोड़ने को लेकर समर्पित है. कांग्रेस भारत को आपस में जोड़े रखने की बात घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान कर रही है. इसके पीछे की भावना यह है कि भारत मज़बूत राष्ट्र बना रहे.