राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस प्रदेश में जारी संकट को दूर करने का प्रयास कर रही है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने और रणनीति बनाने के लिए गुरुवार को प्रदेश से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने वाले हैं, जिसपर सबकी नजर टिक गयी है. जो बात सामने आ रही है उसके अनुसार इस बैठक के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के विवाद को सुलझाने का प्रयास शीर्ष नेतृत्व करेगा.
सूत्रों के हवाले से जो खबर सामने आयी है उसके अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में सचिन पायलट, पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान के कुछ अन्य कांग्रेस नेता मौजूद रहेंगे. आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री गहलोत पैर में चोट लगी है. इस वजह से वे जयपुर से ही इस बैठक में ऑनलाइन तरीके से भाग लेंगे.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भी कांग्रेस की एक बैठक हुई थी. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मैराथन बैठक के बाद पार्टी की ओर से कहा गया था कि दोनों नेता आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमत हैं. दोनों नेताओं के बीच के मुद्दों का समाधान आलाकमान करेगा. पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ये कह चुके हैं कि राजस्थान सरकार भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामलों में सजा को मौजूदा 10 साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास तक करने के लिए अगले विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाएगी.
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यदि आपको याद हो तो कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ‘जन संघर्ष यात्रा’ के दौरान प्रदेश की गहलोत सरकार के समक्ष तीन मांग रखी थी. इन मांगों में से एक राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन था. पायलट सरकारी परीक्षा के पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की उच्च स्तरीय जांच की मांग भी कर चुके हैं.