नयी दिल्ली : चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बताया जा रहा है कि वो जल्द ही एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे. अशोक लवासा ही हैं जिन्होंने आचार संहिता उल्लंघन मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को क्लीन चिट नहीं दिया था. लवासा चुनाव आयोग का अगला प्रमुख बनने की कतार में थे.
लवासा ने राष्ट्रपति भवन को अपना इस्तीफा भेज दिया तथा 31 अगस्त को उन्हें कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि वह कुछ समय में फिलीपीन स्थित एडीबी में पद ग्रहण करेंगे. मालूम हो लवासा कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा देने वाले दूसरे चुनाव आयुक्त बन गये हैं.
इधर इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रास्ते में आने के बाद से ही अशोक लवासा को निर्वाचन आयोग से दूर किये जाने के कयास लगाये जा रहे थे.
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दरअसल पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों को लेकर चुनाव आयोग के सामने शिकायतें दर्ज करायी थी. आचार संहिता उल्लंघन मामले की सुनवाई करने वाले आयोग के सदस्यों में लवासा भी थे. सुनवाई में तीन सदस्यों में से दो, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने पीएम मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट दे दिया था, लेकिन अशोक लवासा क्लीन चिट दिये जाने पर सहमत नहीं थे. बाद में बहुमत के आधार पर मोदी और शाह को क्लीन चिट दे दी गयी थी. बताया जाता है कि उस घटना के बाद लवासा आचार संहिता से संबंधित चुनाव आयोग की बैठकों में जाना भी बंद कर दिया था.
अशोक लवासा के रिटायरमेंट में अब भी काफी समय शेष था. उन्होंने 23 जनवरी 2018 को भारत के चुनाव आयुक्त के तौर पर पद संभाला था. वे हरियाणा कैडर के (1980 बैच) के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. उनके पास मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने का भी मौका था.
चुनाव आयुक्त होने से पहने लवासा भारत के केंद्रीय वित्त सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव सहित कई वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं.
Posted By – Arbind Kumar Mishra