नई दिल्ली : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली स्थित कुतुब मीनार एक स्मारक है और उसके परिसर में पूजा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. एएसआई ने हिंदू पक्ष की ओर से कुतुब मीनार परिसर में स्थित देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए अधिकार मांगे जाने संबंधी याचिका पर साकेत स्थित कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. इस जवाब में एएसआई ने कुतुब मीनार में हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और उनकी पूजा-अर्चना का विरोध करते हुए कहा है कि यह एक स्मारक है और इसके स्वरूप में किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है.
पूजा-अर्चना का अधिकार देने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षों के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष रखे. इस मामले में अदालत की ओर से अब नौ जून को फैसला सुनाया जा सकता है. इससे पहले अदालत ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष से लिखित जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान साकेत कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के महरौली स्थित कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों के जीर्णोद्धार के संबंध में अपील पर आदेश के लिए 9 जून को फैसला सुनाया जाएगा. फिलहाल, फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है.
Saket Court says – list for June 9th, for order on an appeal regarding the restoration of 27 Hindu and Jain temples in the Qutub Minar complex in Mehrauli, Delhi.
Order reserved.
— ANI (@ANI) May 24, 2022
अधिवक्ता सुभाष गुप्ता ने बताया कि कोर्ट से मेरा निवेदन था कि अगर कोई सुरक्षा स्थान बिना किसी व्यवधान के 800 वर्षों से जारी है, तो उसे जारी रहना चाहिए. पूजा का मौलिक अधिकार है, लेकिन यह पूर्ण अधिकार नहीं है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में बताया है.
एएसआई ने अदालत से की याचिका खारिज करने की मांग
अदालत में दाखिल अपने जवाब में एएसआई ने कहा कि कुतुब मीनार राष्ट्रीय स्मारक कानून के तहत संरक्षित स्मारक है. उसने कहा कि वर्ष 1914 में जब कुतब मीनार का अधिग्रहण किया गया था, तब यहां किसी तरह की पूजा-अर्चना नहीं की जा रही थी. इसलिए नियमों के मुताबिक, अब इस स्थिति को नहीं बदला जा सकता. एएसआई ने कहा कि यहां पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं दी जा सकती और न ही इसकी पहचान बदली जा सकती है. इसलिए याचिका खारिज की जाए.
अदालत ने भगवान गणेश की दो मूर्ति नहीं हटाने का दिया आदेश
बताते चलें कि दिल्ली के साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर के अंदर हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना के अधिकार की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं. पिछले दिनों दिल्ली की एक अदालत ने एएसआई को अगले आदेश तक कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियों को नहीं हटाने के आदेश दिए थे.
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कुतुब मीनार में हिंदू-जैन मूर्तियों के प्रदर्शन पर विचार : संस्कृति मंत्रालय
वहीं दूसरी ओर, संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में मिली हिंदू और जैन मूर्तियों को प्रदर्शित करने पर विचार कर रहा है और स्थल की खुदाई या किसी भी धार्मिक प्रथा को रोकने की कोई योजना नहीं है. कुछ दिन पहले राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के अध्यक्ष तरुण विजय ने एएसआई को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद में मिली गणेश की दो मूर्तियों को परिसर से बाहर ले जाया जाए. अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है कि क्या इनमें से कुछ मूर्तियों को लेबल लगाकर प्रदर्शित किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि मस्जिद का निर्माण मंदिरों के पत्थरों से किया गया, इसलिए विभिन्न रूपों में ऐसी मूर्तियां चारों ओर देखी जा सकती हैं.