तैयार हो रहा है एशिया का सबसे बड़ा रोड टनल, पढ़ें क्या है जोजिला टनल की खासियत
अटल टनल के बाद देश में ऐसी एक और टनल तैयार हो रही है जिसकी चर्चा तेज है. इसे एशिया की सबसे लंबी रोड टनल बताया जा रहा है,टनल की लंबाई 14.5 किमी की होगी . इस टनल की मदद से जो दूरी 3 घंटे में तय की जाती है, उसे तय करने में मात्र 15 मिनट का समय लगेगा. इस टनल के निर्माण कार्य की शुरुआत हो गयी है. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर किया.
अटल टनल के बाद देश में ऐसी एक और टनल तैयार हो रही है जिसकी चर्चा तेज है. इसे एशिया की सबसे लंबी रोड टनल बताया जा रहा है,टनल की लंबाई 14.5 किमी की होगी . इस टनल की मदद से जो दूरी 3 घंटे में तय की जाती है, उसे तय करने में मात्र 15 मिनट का समय लगेगा. इस टनल के निर्माण कार्य की शुरुआत हो गयी है. केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर किया.
क्यों हो गयी इतनी देरी
अटल टनल की तरह इसे बनाने का सपना भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था. करीब 30 साल से कारगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोग इसे बनाने की मांग कर रहे थे . प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान भी इसे लेकर प्रयास किया गया तीन बार टेंडर निकाले गये लेकिन कोई भी कंपनी इस काम के लिए तैयार नहीं हुई. इसकी नींव साल 2018 के मई महीने में रखी गयी थी.
The watershed moment in the road history of the UTs of Jammu & Kashmir & Ladakh is finally here. Today virtually initiated the 'ceremonial blast' of #ZojilaTunnel in the presence of MoS @Gen_VKSingh Ji,… pic.twitter.com/iYMKdOzlNM
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 15, 2020
टेंडर लेने के बाद इसे बनाने वाली कंपनी IL&FS दीवालिया हो गयी. गडकरी ने परियोजना की समीक्षा की औऱ फैसला लिया कि दोनों सड़क एक ही टनल में बनेगी जिससे खर्च कम होगा. पहले इसकी लागत 10,643 करोड़ रुपये थी जो कम होगयी अब प्रोजेक्ट की कुल लागत 6808.63 है. सरकार को करीब 3835 करोड़ रुपये की बचत होगी. इस काम को हैदराबाद की मेघा इंजिनियरिंग को दिया गया जोजिला पास के नीचे करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर यह सुंरग तैयार होगी.
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करीब 30 साल से कारगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोग इसे बनाने की मांग कर रहे थे . प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान भी इसे लेकर प्रयास किया गया तीन बार टेंडर निकाले गये लेकिन कोई भी कंपनी इस काम के लिए तैयार नहीं हुई.
क्या होगी खासियत
सुरंग के भीतर रोड के दोनों तरफ हर 750 मीटर पर ले बाई होगा, आपात स्थिति में यहां गाड़ी रोकी जा सकेगी.
हर 125 मीटर पर आपात स्थिति में कॉल करने की सुविधा होगी, ओटोमेटिक फायर डिटेक्शन सिस्टम लगा होगा.
सुरंग की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा, यहां से कंट्रोल रूप के जरिये निगरानी रखी जा सकेगी.
. इस सुरंग के निर्माण में 4,899 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जबकि जमीन अधिग्रहण, विस्थापन और अन्य गतिविधियों को मिलाकर कुल खर्च 6,808 करोड़ रुपये होगा.
सुरंग राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर श्रीनगर घाटी और लेह के बीच द्रास और करगिल होते हुए सभी मौसम में उपयोगी संपर्क सुविधा उपलब्ध कराएगी. देश की रक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा
Posted By – pankaj Kumar Pathak