यहां 40 में से 9 सीटें जीतकर भी आखिर क्यों खुश है BJP, PM MODI और अमित शाह ने….

असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) चुनाव की चर्चा इन दिनों राजनीतिक गलियारे में हो रही है. इस चुनाव में भाजपा ने एकला चलो की नीति को अपनाया और अपने पुराने सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के सियासी वर्चस्व को तोड़ने में कामयाब रहा. assam btc elections ,bjp, amit shah ,pm narendra modi

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2020 7:03 AM

असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) चुनाव की चर्चा इन दिनों राजनीतिक गलियारे में हो रही है. इस चुनाव में भाजपा (bjp,amit shah,narendra modi) ने एकला चलो की नीति को अपनाया और अपने पुराने सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के सियासी वर्चस्व को तोड़ने में कामयाब रहा. बीटीसी के चुनाव को अगले साल शुरुआत में होने वाले असम विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल बताया जा रहा था. अब भाजपा ने अपने नये समीकरण साधने शुरू कर दिए हैं जिससे पार्टी को और मजबूती मिल सके.

बीटीसी बहुमत से दूर : यहां चर्चा कर दें कि बीटीसी पर बीपीएफ का 17 साल से कब्जा था, लेकिन इस बार वह बहुमत से दूर नजर आई. वहीं, भाजपा ने इस बार नौ सीट पर कब्जा किया है. पहले भाजपा के पास मात्र एक सीट थी. चुनाव के बाद भाजपा बीटीसी पर काबिज होने के लिए अपने नए सहयोगी की तलाश में है. भाजपा यदि यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) से हाथ मिला ले तो वह असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्वशासी निकाय बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल पर आसानी से पैठ बना सकती है. जानकारों की मानें तो भाजपा ऐसा कर सकती है और इसी गठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव में उतर सकती है.

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बीटीसी का समीकरण समझें : यहां चर्चा कर दें कि असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद में कुल 46 सीटें हैं जिनमें से छह नामांकित होते हैं. यहां 40 पर चुनाव कराया जाता है. इन 40 सीटों पर 7 और 10 दिसंबर को चुनाव कराये गये थे जिसके परिणाम शनिवार को आए. यदि आपको याद हो तो साल की शुरुआत यानी फरवरी 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था जिसके बाद यह पहला चुनाव था. उग्रवादी से राजनेता बने हाग्रामा मोहिलरी के नेतृत्व वाला संगठन यूपीपीएल ने इस चुनाव में अच्छा करके दिखाया है. बीटीसी चुनावों में बीपीएफ 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, लेकिन वह अभी भी बहुमत से चार सीटें दूर है. वहीं, बीटीसी चुनाव में यूपीपीएल को 12, भाजपा को नौ सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस और जीएसपी ने एक-एक सीट पर जीत मिली है. इस तरह से देखा जाए तो किसी भी पार्टी को बहुमत प्राप्त नहीं हुआ है.

असम का बीटीसी चुनाव : गौर हो कि बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) संविधान की छठी अनुसूची के तहत एक स्वायत्त स्वशासी निकाय है. यह विशेष प्रावधान है जो पूर्वोत्तर के कुछ जनजातीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक राजनीतिक स्वायत्तता और विकेन्द्रीकृत शासन की अनुमति प्रदान करता है. बोडो एक मैदानी जनजाति है, जिसे असम में अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है. यह यहां का सबसे बड़ा समुदाय है, जो राज्य की आबादी का लगभग 6 प्रतिशत है. यह समुदाय लंबे समय से बोडोलैंड की मांग को लेकर संघर्ष करता आ रहा है.

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जीत से गदगद है भाजपा : नौ सीट जीतकर भाजपा खुश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने जीत पर यूपीपीएल और प्रदेश भाजपा इकाई को बधाई दी है.

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