‘मुसलमान कंट्रोल करे जनसंख्या’, जानें असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा…
Himanta Biswa Sarma news: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के मुख्यमंत्री के तौर पर एक महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इस मौके पर उन्होंने कहा की भूमि अतिक्रमण जैसे सामाजित खतरे को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा की जनसंख्याल विस्फोट गरीबी और अतिक्रमण जैसी समाजाकि बुराईयों का कारण बनती है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के मुख्यमंत्री के तौर पर एक महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इस मौके पर उन्होंने कहा की भूमि अतिक्रमण जैसे सामाजित खतरे को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा की जनसंख्याल विस्फोट गरीबी और अतिक्रमण जैसी समाजाकि बुराईयों का कारण बनती है.
मुख्यमंत्री ने असम के अप्रवासी मुस्लिमों से कहा कि वो जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक सभ्य परिवार की नीति अपनाएं. साथ ही कहा की मुस्लिम समुदाय के लोगों को सामने आकर इसके लिए पहल करनी चाहिए और इस समुदाय में गरीबी कम करने के अभियान में सरकार की मदद करनी चाहिए. क्योकि जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण गरीबी है.
असम के मुख्यमंत्री ने असम के मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा कि वो जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करें. क्योंकि जनसंख्य वृद्धि के साथ रहने की समस्या होगी और अतिक्रमण बढ़ेगा. जिसके कारण कई संघर्ष होंगे. उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या विस्फोट जारी रहता है तो एक दिन कामाख्या मंदिर पर कब्जा हो जाएगा.
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हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लोकतांत्रिक रुप से चुनी हुई सरकार से बहुत अपेक्षाएं होती है. इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार मंदिरों, मठो और वनभूमि में रहने की इजाजत दे दें. पर रहने के लिए अगर जगह नहीं रहेगा तो लोग कहां रहेंगे. मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मंदिर भूमि और वन भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए राज्य में चलाये गये अभियान की मुस्लिम संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि कोई मेरा दुश्मन नहीं है. सरकार हर गरीब की अभिभावक है. सरकार लोगों का विकास चाहती है. पर इसके लिए सामुदायिक समर्थन की जरूरत है. इसलिए अप्रवासी मुस्लिमों को आगे आना होगा. विरोध ने उनकी गरीबी खत्म नहीं होगी. हमें मुस्लिम महिलाओं को शिक्षित करना होगा. जनसंख्या नियंत्रण पर काम करना होगा.
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार की आलोचना करने के बजाय छोटे परिवार के आकार का अभ्यास करना चाहिए. आजिवादी भी यही करते हैं. उन्होंने कभी वनभूमि पर अतिक्रमण नहीं किया है. 2011 की जनगणना के अनुसार असम में कुल 3.12 करोड़ मुसलमान हैं. इसमें अप्रवासी मुसलमानों की हिस्सेदारी 31 फीसदी है. राज्य की कुल 126 विधानसभा सीटों में से 35 सीटों पर ये निर्णायक स्थिति में हैं.
Posted By: Pawan Singh