असम बाल विवाह प्रकरण: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमंत बिस्वा सरमा पर साधा निशाना
असम बाल विवाह कानून उलंघन मामले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधा, पूछा- उन बच्चियों का क्या कसूर जिनका बाल विवाह हुआ ? असम में बीजेपी की सरकार को बताया विफल.
असम सरकार पिछले दो दिनों से बाल विवाह कानून का उल्लंघन करने वाले 2000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि लगभग 8000 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, पुलिस गिरफ्तारियों के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, वहीं इन सब के बीच AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि, जिनकी शादियां हो चुकी हैं उन बच्चियों का क्या कसूर है?
ओवैसी के सवाल, कौन रखेगा विवाहिताओं का ख्याल ?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा की असम की सरकार स्कूल नहीं खोलती मगर मदरसे जरूर तोड़ती है. बाल विवाह कानून उल्लंघन मामले में ओवैसी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से सवाल पूछते हुए कहा की जिन बच्चियों की शादी हो चुकी उनका ख्याल कौन रखेगा, ओवैसी ने असम साकार को मुस्लिम विरोधी बताते हुए जमकर निशाना साधा.
51 ‘पुरोहितों’ और ‘काजियों’ समेत 2170 लोगों की हुई गिरफ्तारी
आपको बता दें की पिछले शुक्रवार से असम पुलिस विभिन्न जिलों के थाना क्षेत्रों में लगातार छापेमारी कर रही है पुलिस ने शनिवार सुबह तक 2170 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी, जिसमे 51 पुरोहित और काजी शामिल हैं. ये सभी वे लोग हैं जिन्होंने धार्मिक संस्थानों में इस तरह की शादी की रस्में निभाईं. ये सभी गिरफ्तारियां परिवार के सदस्यों, बाल कल्याण समिति, स्थानीय लोगों और पुलिस कर्मियों से प्राप्त जानकारी के सत्यापन के बाद की गई है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने गिरफ्तारी की दी थी चेतावनी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 28 जनवरी को अपने एक बयान में कहा था कि अगले 5-6 महीनों में हजारों ऐसे लोगों (पतियों) को गिरफ्तार किया जाएगा, क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, भले ही वह कानूनी तौर से शादीशुदा पति ही क्यों न हो. ऐसे में दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की भी सजा हो सकती है
ओवैसी ने असम की सरकार को विफल बताया
ओवैसी ने इन सभी मुद्दों पर बात करते हुए असम की मौजूदा सरकार को पूरी तरह से विफल बताया है, उन्होंने कहा इस मुद्दे के अलावा कई मुद्दे हैं जिन पर संसद में चर्चा होनी बहुत जरूरी है, अडानी और चीन के मुद्दे पर संसद जल्द से जल्द बात होनी चाहिए.