गुवाहाटी : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सोमवार को दोहरा झटका लगा है. पहला, यह कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को मनीष सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया. दूसरा, यह कि इस मुकदमा को रद्द कराने के लिए मनीष सिसोदिया ने जब गुवाहाटी हाईकोर्ट में याचिका दायर की, तो उच्च अदालत ने उनकी उस याचिका को ही खारिज कर दिया. मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि असम सरकार ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी की फर्म को कोरोना महामारी के दौरान 2020 में बाजार भाव से अधिक दर पर पीपीई किट की आपूर्ति करने का ठेका दिया था.
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ राज्य के कामरूप जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. असम के महाधिवक्ता देवजीत लोन सैकिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ कामरूप जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अदालत ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 19 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया है.
असम के महाधिवक्ता देवजीत लोन सैकिया ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी के दौरान असम सरकार ने वर्ष 2020 में हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी की फर्म को बाजार भाव से ऊंची दर पर पीपीई किट की आपूर्ति करने का ठेका दिया था. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मनीष सिसोदिया के इसी आरोप के खिलाफ कामरूप जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में मानहानि का मुकदमा किया है.
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असम के महाधिवक्ता देवजीत लोन सैकिया ने आगे बताया कि सोमवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की ओर से कामरूप के जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज करने के खिलाफ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुवाहाटी हाईकोर्ट का रुख किया और उन्होंने कामरूप की अदालत में दर्ज मुकदमे को रद्द करने की अर्जी लगाई. उन्होंने बताया कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने जिला अदालत में दर्ज मानहानि के केस को रद्द करने की मांग की थी. अब उन्हें आगामी 19 नवंबर को हर हाल में कामरूप के जिला न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होना ही होगा.