Assam Flood: असम में बाढ़ से 1.90 लाख से अधिक लोग हलकान, खतरे के निशान से ऊपर कई नदियां
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के कारण 1.90 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित लखीमपुर जिला है जहां 47338 लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद धेमाजी है जहां 40997 लोग प्रभावित हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश से थोड़ी राहत मिली है तो असम बाढ़ से हलकान है. सोमवार को बाढ़ की हालत और गंभीर हो गई. बाढ़ से प्रदेश के करीब दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं. एक शख्स की जान भी चली गई है. बता दें, असम में लगातार बारिश के कारण अधिकांश नदियों का उफान पर हैं, उनका जलस्तर काफी बढ़ गया है. राज्य के कई इलाकों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. वहीं, जलस्तर बढ़ने के कारण ब्रह्मपुत्र नदी पर गुवाहाटी और जोरहाट के निमतीघाट में नौका सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद कर दी गई हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि शिवसागर जिले के डेमो में एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना मिली है, जिससे इस साल की बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है.
बाढ़ की चपेट में असम के 17 जिले
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के कारण 1.90 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित लखीमपुर जिला है जहां 47338 लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद धेमाजी है जहां 40997 लोग प्रभावित हुए हैं. कुल मिलाकर 427 लोग दो राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जबकि 45 राहत वितरण केंद्र कार्यरत हैं. वहीं, बाढ़ से बिगड़े हालात के बीच प्रशासन और एसडीआरएफ इलाके में राहत और बचाव कार्य में लगी है. वहीं, डिब्रूगढ़, धुबरी, तेजपुर और जोरहाट में निमतीघाट में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
एएसडीएमए के मुताबिक, डिब्रूगढ़, धुबरी, तेजपुर और जोरहाट में निमतीघाट में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहूं, बेकी, जिया-भराली, दिसांग, दिखौ और सुबनसिरी नदियां भी लाल निशान को पार कर गई हैं. वहीं, ब्रह्मपुत्र नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गुवाहाटी में नौका सेवाएं आज यानी मंगलवार से निलंबित कर दी गई है. गौरतलब है कि असम में ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही लगातार बारिश से निचले इलाकों में पानी भर रहा है. नदियों के जलस्तर में भी इजाफा हुआ है.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एएसडीएमए ने कहा कि 8086.40 हेक्टेयर फसल भूमि वर्तमान में बाढ़ के पानी में डूब गई है और 130514 जानवर प्रभावित हुए हैं, जिनमें 81340 बड़े जानवर और 11,886 कुक्कुट शामिल हैं. वहीं, उदलगुड़ी के दो इलाकों से और बिस्वनाथ एवं दरांग के एक-एक इलाके से बाढ़ के पानी के कारण तटबंध टूटने की सूचना है. बाढ़ से सड़कें, पुल, बिजली के खंभे और स्कूल सहित अन्य संरचनाएं भी क्षतिग्रस्त हुईं हैं. बारपेटा, बिस्वनाथ, धुबरी, लखीमपुर, मोरीगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी से कटाव की खबर है.
हिमाचल में बारिश से राहत
इधर, बीते कई दिनों से तबाही मचाने के बाद फिलहाल हिमाचल प्रदेश में बारिश से राहत है. मौसम विभाग ने कहा है कि फिलहाल प्रदेश में मॉनसून कमजोर रहेगा. प्रदेश में बारिश के आसार नहीं हैं.मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 5 दिनों तक बारिश का कोई अलर्ट नहीं है.गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में बारिश और लैंडस्लाइड के कारण इमारतें ताश के पत्तों की तरह गिरने लगी थी. इसी महीने दर्जनभर से ज्यादा मकानें जमींदोज हो गई है.
Also Read: Manipur Violence: मणिपुर विधानसभा का आज सत्र, हिंसा के बाद पहली बार सदन में होगी चर्चा
गौरतलब है कि मानसून की दस्तक के साथ हिमाचल में जो बारिश शुरू हुई वो देखते ही देखते तबाही की बरसात में तब्दील हो गई. प्रदेश में इस बार 36 फीसदी ज्यादा बारिश हुई. भीषण बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में 8643 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति का नुक्सान हुआ है, जबकि साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. जबकि तीन दर्जन से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. किसानों को भी भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. वहीं, उत्तराखंड में भी भारी बारिश से राहत मिली है. मौसम विभाग का कहना है कि 1 सितंबर तक बारिश में कमी रहेगी. गौरतलब है कि बीते कुछ दिन पहले यहां भी तबाही की बरसात हो रही थी. भारी बारिश से उत्तराखंड में 79 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है, कई फसल बर्बाद हो गई है.
भाषा इनपुट के शाथ