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Assam Flood : बाढ़ के पानी में घुसकर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा तक कुछ इस तरह पहुंचा शख्‍स, देखें VIDEO

Assam Flood : एएसडीएमए ने कहा कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट, पीने के पानी की बोतलें और अन्य जरूरी चीजें शहर में वितरित की जा रही हैं तथा यह कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता.

Assam Flood Video : असम में बाढ़ की स्‍थिति गंभीर होती जा रही है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ प्रभावित बराक घाटी क्षेत्र का दौरा किया. यहां एक निवासी ने बाढ़ के पानी का बहादुरी से सामना करते हुए उन्हें ‘गमोसा’ दिया जिसका वीडियो सामने आया है. वीडियो में नजर आ रहा है कि शख्‍स बाढ़ के पानी के बीच घिरा हुआ है और वह काफी मशक्‍कत से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तक पहुंचा. आपको बता दें कि असम में शनिवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही तथा इस प्राकृतिक आपदा में चार और लोगों की मौत हो गयी. असम में 25.10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि कछार जिले का सिलचर शहर छठे दिन भी जलमग्न रहा. अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में बारपेटा, कछार, दर्रांग और गोलाघाट जिलों के लोग शामिल हैं. इसके साथ ही असम में इस साल बाढ़ तथा भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 122 पर पहुंच गयी है.

27 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या अब घटकर 25.10 लाख

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, 27 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या अब घटकर 25.10 लाख रह गयी है, जबकि शुक्रवार तक 28 जिलों में यह आंकड़ा 33.03 लाख था. अधिकारियों ने कहा कि कुछ जिलों में स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. नदियों का जल स्तर कुछ हद तक कम हुआ है. हालांकि, धुबरी में ब्रह्मपुत्र और नगांव में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि बेटकुंडी में बांध टूटने के कारण पिछले छह दिनों से जलमग्न सिलचर शहर में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास चल रहे हैं और प्रशासन बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने को प्राथमिकता देने के साथ सिलचर में बचाव अभियान चला रहा है.


हेलीकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट पहुंचाए गये

एएसडीएमए ने कहा कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट, पीने के पानी की बोतलें और अन्य जरूरी चीजें शहर में वितरित की जा रही हैं तथा यह कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए सिलचर में दो ड्रोन भी तैनात किए गये हैं. सिलचर में ईटानगर और भुवनेश्वर से पहुंचे 207 कर्मियों के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के आठ दलों तथा 120 कर्मियों वाली एक सैन्य टुकड़ी को तैनात करने के साथ दीमापुर से लाई गईं नौ नौकाओं को भी उतारा गया है. एएसडीएमए के एक अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के 10 जवान और एसडीआरएफ के चार कर्मियों को बचाव अभियानों के लिए हवाई मार्ग से कछार लाया गया है.


बड़े पैमाने पर भूस्खलन की सूचना

अधिकारियों ने कहा कि सिलचर में लगभग तीन लाख लोग भोजन, स्वच्छ पेयजल और दवाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं. एएसडीएमए बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिला बारपेटा है, जहां 8,76,842 लोग प्रभवित हुए हैं. इसके बाद नगांव (5,08,475), कामरूप (4,01,512) और धुबरी में 3,99,945 लोग प्रभावित हुए हैं. इसमें कहा गया है कि बाढ़ से 93 राजस्व मंडल और 3,510 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 2,65,788 लोगों ने 717 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में शरण नहीं लेने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 409 राहत केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गयी. एएसडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान 40 मकान पूरी तरह तथा 582 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये हैं. बुलेटिन में कहा गया है कि बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, हैलाकांडी और कामरूप सहित कई स्थानों से बड़े पैमाने पर भूस्खलन की सूचना मिली है.

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