असम-मेघालय सीमा पर हिंसक झड़पों के बाद अब भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार छह लोगों की मौत के बाद इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. जिस जगह पर हिंसा भड़की थी, वहां पर धारा 144 लगा दिया गया है.
मेघालय के 7 जिला में अगले 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बाधित
मेघालय सरकार ने राज्य के पूर्वी हिस्से में कम से कम सात खासी-जैंतिया हिल्स जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर शनिवार तक के लिए रोक लगा दी है. गृह विभाग के सचिव सीवीडी डेंगदोह ने बताया, शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को 48 घंटे के लिए बंद किया जाता है. मंगलवार को हिंसा भड़कने के कुछ घंटों के बाद ही सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं.
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Meghalaya government has extended the suspension of mobile internet and data services in seven districts by another 48 hours. pic.twitter.com/lVOJD7F0s9
— ANI (@ANI) November 24, 2022
मेघालय में असम के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध
असम से मेघालय के विभिन्न प्रवेश बिंदुओं पर पुलिसकर्मियों ने बैरिकेड्स लगा दिए हैं और लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे असम की नंबर प्लेट वाले वाहनों में मेघालय न जाएं. अगर (यात्रा करना) नितांत जरूरी है तो उन्हें सीमा के प्रवेश बिंदुओं से मेघालय की टैक्सी किराये पर लेनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि ट्रक और टैंकर जैसे वाणिज्यिक वाहनों पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है.
क्या है मामला
असम-मेघालय सीमा के साथ पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक विवादित स्थान पर मंगलवार तड़के हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. झड़प उस समय हुई जब अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों द्वारा रोका गया था. घटना के बाद यात्री कारों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद असम सरकार ने वाहनों को मेघालय ले जाने से रोक दिया है.
लंबे समय से जारी है असम-मेघालय के बीच सीमा विवाद
असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर-राज्यीय सीमा से सटे 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है और जिस स्थान पर हिंसा हुई वह उनमें से एक है. दोनों राज्यों ने छह क्षेत्रों में विवाद को समाप्त करने की दिशा में इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. मेघालय को 1972 में असम से अलग किया गया था और तब से इसने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दे रखी है, जिसके अनुसार दोनों राज्यों के बीच सीमा का सीमांकन किया गया था.