Assembly Elections 2021 : असम समेत इन राज्यों में कल होगी वोटिंग, जानिए क्या है सियासी समीकरण

Assembly Elections 2021 News Updates असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार यानि 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है. असम में तीसरे और अंतिम चरण के लिए 40 विधानसभा सीटों पर कल मतदान होगा. वहीं, केरल की सभी 140, तमिलनाडु की कुल 234 और पुडुचेरी की 30 सीटों के लिए भी मंगलवार को मतदान होना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2021 6:33 PM
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Assembly Elections 2021 News Updates असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार यानि 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है. असम में तीसरे और अंतिम चरण के लिए 40 विधानसभा सीटों पर कल मतदान होगा. वहीं, केरल की सभी 140, तमिलनाडु की कुल 234 और पुडुचेरी की 30 सीटों के लिए भी मंगलवार को मतदान होना है.

असम में क्या है सियासी समीकरण

असम में कुल 126 विधानसभा सीटें हैं और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में राज्य में अभी एनडीए की सरकार है. पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 89 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 60 सीटें उसके हिस्से में आयी थीं. जबकि, असम गण परिषद ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर 14 सीटें और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट ने 13 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 जीती थीं. कांग्रेस की बात करें तो, पार्टी ने 122 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और महज 26 सीटों पर जीत मिली थी. राज्य में बहुमत के लिए 64 सीटें चाहिए.

असम में बीजेपी के सामने ये है चुनौतियां

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो असम में इस बार भारतीय जनता पार्टी को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है. भाजपा का सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दस सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी.

तमिलनाडु में जानिए क्या है राजनीतिक समीकरण

तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं. राज्य में अभी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) की सरकार है. वर्तमान में इ पलानीस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं. पिछले चुनाव में एआईएडीएमके ने 136 जीती थी. वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके को 89 सीटों पर सफलता मिली थी. तमिलनाडु में बहुमत के लिए 118 सीटें चाहिए.

पुडुचेरी में सियासी समीकरण पर एक नजर

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा की कुल 30 सीटें हैं. बीते दिनों यहां कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार गिर गई थी. पिछले चुनाव के परिणाम पर नजर डाले तो, कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर महज 8 सीटें जीती थीं. जबकि, अन्य के खाते में सात सीटें गई. पुडुचेरी में बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए.

केरल के क्या है राजनीतिक समीकरण

केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं. राज्य में अभीसीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है. वर्तमान में पिनाराई विजयन राज्य के मुख्यमंत्री हैं. पिछली बार के चुनाव में एलडीएफ को 91, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं. केरल में बहुमत के लिए 71 सीटें चाहिए.

जानिए केरल में किनके बीच है मुख्य मुकाबला!

राजनीतिक जानकारों की माने तो केरल में मुख्य लड़ाई माकपा के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच है. भले ही केरल विधानसभा में भाजपा के सिर्फ एक विधायक हैं, लेकिन भाजपा के वोट प्रतिशत बढ़ते जाने से राज्य के वामपंथी और कांग्रेस नेताओं के कान खड़े हो गए हैं.

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