नयी दिल्ली : ‘पेरिस समझौते’ की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमें अपने निर्धारित लक्ष्यों की तुलना में अब तक हासिल की हुई उपलब्धियों की समीक्षा करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने संकल्प लिया कि आजादी के शताब्दी वर्ष तक भारत ना केवल अपने लक्ष्यों को पूरा करेगा, बल्कि आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा.
India is not only on track to achieve its Paris Agreement targets but to exceed them beyond expectations: PM Narendra Modi at the Climate Ambition Summit 2020 pic.twitter.com/iJ9UZE9vUO
— ANI (@ANI) December 12, 2020
Today as we are looking to set our sight even higher, we must also not lose sight of the past. We must not only revise our ambitions but also review our achievements against targets already set: PM Narendra Modi at the Climate Ambition Summit 2020 pic.twitter.com/QwlS0OQtvb
— ANI (@ANI) December 12, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जैसे-जैसे हम अपने दृष्टिकोण को उच्च स्तर पर लेकर जा रहे हैं, हमें अपने अतीत को नहीं भूलना चाहिए. हमें ना केवल अपनी महत्वाकांक्षाओं को संशोधित करना चाहिए, बल्कि पहले से निर्धारित लक्ष्यों के खिलाफ उपलब्धियों की समीक्षा भी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ना केवल अपने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ट्रैक पर है, बल्कि अपेक्षाओं से परे है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साल 2022 तक हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता 175 गीगावॉट हो जायेगी. हमारी महत्वाकांक्षा इससे भी आगे है. साल 2030 तक हमने इसे 450 गीगावॉट तक ले जाने का लक्ष्य रक्षा है.
उन्होंने कहा कि हमने उत्सर्जन की तीव्रता को 2005 के स्तर से 21 फीसदी कम किया है. हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 2014 में 2.63 गीगावॉट थी, जो 2020 में बढ़ कर 36 गीगावॉट हो गयी है. हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता दुनिया में चौथे स्थान पर है.
साथ ही कहा कि भारत ने विश्व पटल पर दो प्रमुख पहलों का नेतृत्व किया है. वो हैं, इंटरनेशनल सोलर अलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर. साल 2047 में, एक स्वतंत्र आधुनिक राष्ट्र के रूप में भारत अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनायेगा.
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं एक संकल्प लेता हूं कि शताब्दी वर्ष तक भारत ना केवल अपने लक्ष्यों को पूरा करेगा, बल्कि आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा.