देश में कोरोना संक्रमण के मामले पिछले 10 दिनों से 15 हजार के आसपास आ रहे हैं. ऐेसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या देश से कोरोना वायरस की तीसरी लहर का खतरा टल गया है? क्या कोरोना वायरस का अब कोई नया स्ट्रेन नहीं आने वाला है?
इन सवालों का जवाब देते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि यह सही है कि देश में कोरोना संक्रमण के नये मामले कम हो गये हैं लेकिन अब यह कहना सही नहीं होगा कि कोरोना का खतरा टल गया है और अब इसपर लगाम कसना बहुत सहज है.
विशेषज्ञों ने कहा कि कुछ ही दिनों में दिवाली समेत कई त्योहार हैं जिसमें लोगों का आपस में मिलना जुलना और खरीदारी की संभावना है. जिसकी वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है. यद्यपि देश में टीकाकरण बड़े पैमाने पर हुआ है जिसकी वजह से संक्रमण के नये मामलों में कमी आयी है, लेकिन अभी यह कहना जल्दी होगी कि कोरोना का खतरा टल गया है.
Also Read: नवंबर में आयोजित हो सकता है संसद का शीतकालीन सत्र , कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करना होगा जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर 1.2 प्रतिशत है इसलिए यह जरूरी है कि टीकाकरण को और बढ़ाया जाये. जो लोग एक डोज लिये हुए हैं उन्हें दोनों डोज दिया जाये और जो 25 प्रतिशत आबादी वैक्सीनेश के प्रति उदासीन है उसे वैक्सीन लगवाया जाये, अन्यथा हम कोरोना वायरस को परास्त नहीं कर पायेंगे.
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी हमारे पास इस बात के दस्तावेज पर्याप्त नहीं है कि टीकाकरण के बाद संक्रमण की क्या स्थिति है. कौन से लोग पहले संक्रमित हो चुके थे और टीकाकरण के बाद भी संक्रमित हुए हैं. इसलिए हमें सावधानी रखनी होगी और अभी कोरोना वायरस के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
चीन, रुस और ब्रिटेन जैसे देश इस बात के गवाह है कि कोरोना वायरस कमजोर होने के बाद एक बार फिर मजबूती के साथ फन फैलाता है. चीन में आज कई जगहों पर लाॅकडाउन है. रुस ने कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए एक सप्ताह की छुट्टी देश में घोषित कर दी है.
Posted By : Rajneesh Anand