लखनऊ : कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल ऑडियो में विकास दुबे बिकरू गांव में पुलिस पार्टी पर हमले की प्लान पहले से तैयार कर रहा था. उसने गाली के साथ कहा था कि कोई बड़ा कांड करूंगा. एक-एक का खून कर दूंगा. यह ऑडियो बिकरू गांव में पुलिस दल पर हमले के पहले का बताया जा रहा है.
इस ऑडियो में विकास दुबे कहता है, ‘इस बार इतना बड़ा कांड करूंगा, पता चलेगा किसी से पाला पड़ा था… पूरी जीप न उड़ा दी तो देखना… एक-एक का खून कर दूंगा.’ हर दिन कोई नया खुलासा कुख्यात अपराधी विकास दुबे की पैठ की कहानी बयां करता है. इस वायरल ऑडियो में विकास दुबे फोन पर सामने मौजूद किसी अन्य शख्स से गाली-गलौच के साथ कह रहा है कि कोई मुझ पर फर्जी मुकदमा लिखवा रहा है.
विकास दुबे की सांठ-गांठ किस-किस के साथ थी, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. इस बीच ऑडियो के वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया है. ऐसे में पुलिस अब उस सिपाही की तलाश में जुट गयी है जिससे विकास की घटना से पहले फोन पर बात हुई थी. पूर्व में भी खबरें आयी थीं कि विकास दुबे को थाने से ही फोन आया था.
ऑडियो सुनकर यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीओ देवेंद्र मिश्रा को सबक सिखाने की ठान ली थी. बताया जा रहा है कि यह ऑडियो उसी फोन कॉल का है तो थाने से विका दुबे के पास आयी थी. थाने से आये फोन में विकास को पहले ही बता दिया गया था कि उसके घर पर दबिश होने वाली है. इसपर विकास ने कहा था कि आने दो सालों को, एक-एक को कफन में भेजूंगा.
थाने से फोन करने वाले शख्स के साथ बातचीत के इस वायरल ऑडियो में विकास दुबे ने बड़ा कांड करने की धमकी दी थी. वह कह रहा है कि भले ही अब जीवन भर जेल में काटना पड़े या फिर जिंदगी भर फरारी करनी पड़े, लेकिन यह सीओ (देवेंद्र मिश्र) तो विकास दुबे का शिकार होगा. चाहे पुलिस की जीप को उड़ाना पड़े, मैं बड़ा कांड करूंगा. बिकरू में इतना बड़ा कांड होगा कि लोग इसको याद करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि विकास दुबे जिस शख्स से बात कर रहा है वह चौबेपुर थाने का तत्कालीन दारोगा विनय तिवारी था. अभी वह जेल में हैं. बिकरू गांव हत्याकांड के बाद से पुलिस विभाग में आज भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि चौबेपुर थाने का एसओ विनय तिवारी मुठभेड़ में सबसे पीछे क्यों था. यही नहीं, वह अपने साथियों को मौत के मुंह में छोड़कर क्यों भाग गया. उसकी भूमिका शुरूआत से ही संदिग्ध मानी जा रही थी. तिवारी को निलंबित कर जेल भेज दिया गया है.
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की एक चिट्ठी भी वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने चौबेपुर थाने के दारोगा विनय तिवारी की शिकायत तत्कालीन एसएसपी अनंत देव से की थी. लेकिन अनंत देव ने कोई एक्शन नहीं लिया था. इसलिए उनपर भी शक किया जा रहा है. अपनी चिट्ठी में सीओ ने कहा था कि विनय तिवारी ने किस तरह से एक मुकदमे में विकास दुबे पर मेहरबानी दिखाते हुए धारा 386 को विवेचना के दौरान हटवाया था. अभी सीओ की वायरल चिट्ठी की जांच आईजी लखनऊ कर रही हैं.
Posted Byh: Amlesh Nandan Sinha.