Aurangabad Train Accident: औरंगाबाद दर्दनाक हादसे का चश्मदीद आया सामने, कहा- ‘मैंने उन्हें आवाज दी, जोर से चिल्लाया लेकिन…’
Aurangabad Train Accident: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में ट्रेन की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार को सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गयी. वे मध्य प्रदेश लौट रहे थे. इस हादसे का एक चश्मदीद सामने आया है जिसने बताया कि हम मध्य प्रदेश में अपने गांव जा रहे थे...
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में ट्रेन की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार को सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गयी. वे मध्य प्रदेश लौट रहे थे. इस हादसे का एक चश्मदीद सामने आया है जिसने बताया कि हम मध्य प्रदेश में अपने गांव जा रहे थे, और शाम को 7 बजे निकले थे. लगभग 4 बजे हमने थोड़ी देर आराम किया. मैं पीछे की तरफ था जबकि वे सामने थे. जब ट्रेन उनके ऊपर से गुजरी तो वे सो रहे थे.
We were going to our village in MP,&we left at 7 pm in the evening. At around 4 am we rested for a while. I was behind while they were in front. They were sleeping when the train ran over them: An eyewitness of Aurangabad train incident that claimed 16 lives. (8.5) #Maharashtra pic.twitter.com/vmGQQgXwty
— ANI (@ANI) May 9, 2020
जोर-जोर से चिल्लाकर सोते हुए अपने साथियों को जगाने की कोशिश की
जीवित बचे मजदूरों ने इस हादसे के बारे में रूह कंपा देने वाली कहानी बताई. बताया जा रहा है कि फंसे हुए 20 मजदूरों का समूह जालना से पैदल चल पड़ा. उसने आराम करने का फैसला किया और इनमें से ज्यादातर पटरी पर ही लेट गए. तीन मजदूर लेटने के लिए कुछ दूरी पर समतल जमीन पर चले गए. कुछ देर बाद इन तीनों ने एक मालगाड़ी को आते देखा और चिल्लाए लेकिन किसी को कुछ सुनाई नहीं दिया. आईपीएस अधिकारी ने कहा कि मेरी जीवित बचे हुए लोगों के साथ बातचीत हुई जो कुछ दूरी पर आराम कर रहे रहे थे. उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाकर सोते हुए अपने साथियों को जगाने की कोशिश की लेकिन यह व्यर्थ रहा और ट्रेन मजदूरों के ऊपर से निकल गई.
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हादसा औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर करमाड के समीप हुआ
रेलवे ने इस दुर्घटना की समग्र जांच की घोषणा की है. हादसा औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर करमाड के समीप सुबह लगभग सवा पांच बजे हुआ. अधिकारियों ने बताया कि मारे गये मजदूर और जीवित बचे चार अन्य मजदूर-सभी पुरुष थे. जैसा कि देश के कई हिस्सों से परिवहन सुविधा की मांग कर रहे चिंतित प्रवासी श्रमिकों की खबरें सामने आई हैं, ऐसे में कई राज्यों ने लाखों मजदूरों के परिवहन के लिए और अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग की है.
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप
सोशल मीडिया पर वायरल, हादसे के एक वीडियो क्लिप में पटरियों पर मजदूरों के शव पड़े दिखाई देते हैं और शवों के पास मजदूरों का थोड़ा बहुत सामान बिखरा पड़ा नजर आता है. जिला पुलिस प्रमुख मोक्षदा पाटिल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जीवित बचे चार लोगों में से तीन ने अपने साथियों को जगाने की कोशिश की थी जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर जालना से रातभर पैदल चलने के बाद पटरियों पर सो गए थे.