कोरोना महामारी के दौरान ऑटोरिक्शा है सबसे सुरक्षित पब्लिक ट्रांसपोर्ट, जानें एसी टैक्सी में क्या है नुकसान…
क्या आप जानते हैं कि कोरोना काल में घर से बाहर जाने पर आपके लिए कौन सा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सबसे बेहतर होगा? अगर नहीं तो इस रिसर्च को ध्यान से पढ़ें जो यह बताया है कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ भी यात्रा कर रहे हैं तो ऑटोरिक्शा एससी कैब से बहुत ही बेहतरीन ट्रांसपोर्ट है, क्योंकि इसमें वेंटिलेशन बहुत बेहतर होता है.
क्या आप जानते हैं कि कोरोना काल में घर से बाहर जाने पर आपके लिए कौन सा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सबसे बेहतर होगा? अगर नहीं तो इस रिसर्च को ध्यान से पढ़ें जो यह बताया है कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ भी यात्रा कर रहे हैं तो ऑटोरिक्शा एससी कैब से बहुत ही बेहतरीन ट्रांसपोर्ट है, क्योंकि इसमें वेंटिलेशन बहुत बेहतर होता है.
रिसर्च के अनुसार ऑटोरिक्शा की बजाय एसी कैब में संक्रमण का खतरा तीन सौ गुणा ज्यादा होता है. यह अध्ययन जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया है. यह अध्ययन पीयर-रिव्यू जर्नल, एनवायरनमेंटल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है, जिसमें कहा गया है कि नॉन एसी गाड़ी में कोविड के संक्रमण का खतरा 250 प्रतिशत कम हो जाता है. भारतीय ऑटोरिक्शा काफी खुला-खुला होता है और इसमें स्वच्छ हवा आती रहती है.
यह अध्ययन दर्पण दास और गुरुमूर्ति रामचंद्रन ने किया है जिसका शीर्षक है-रिस्क एनालिसिस आफ डिफरेंट ट्रांसपोर्ट व्हीकल इन इंडिया ड्यूरिंग कोविड 19 पेनडिमिक.इस अध्ययन में पाया गया कि भारत में मुख्यत: चार प्रकार के पब्लिक ट्रांसपोर्ट के माध्यम हैं -ऑटोरिक्शा, बस, नॉन एसी टैक्सी और एसी टैक्सी.
इनमें से सबसे सुरक्षित ऑटोरिक्शा है उसके बाद बस, फिर नॉन एसी टैक्सी और तब एसी टैक्सी का नंबर आता है. इसकी मुख्य वजह यह है कि ऑटोरिक्शा में वेंटिलेशन बहुत अच्छा होता है. जबकि बस और नॉन ऐसी टैक्सी और एसी टैक्सी में वेंटिलेशन का रेट कम हो जाता है. साथ ही पब्लिश ट्रांसपोर्ट में जाते वक्त मास्क और सेनेटाइजेशन का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में डिस्टेंसिंग तो संभव नहीं हो पाता लेकिन मास्क और सेनेटाइजेशन का बेहतर तरीके से प्रयोग करने से कोरोना के संक्रमण का खतरा टल सकता है.
Posted By : Rajneesh Anand