नयी दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारी तेजी से चल रही है. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी समारोह में शामिल होने वाले हैं. इस कार्यक्रम में करीब 200 लोगों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि राम मंदिर के आंदोलन के अगुवा रहे पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह को ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम जन्मभूमि शिलान्यास आयोजन में भारत के लगभग 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संतों को निमंत्रण भेजा गया है. महात्मा संतों को मिलाकर लगभग पौने दो सौ लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. उन्होंने बताया, हमने इकबाल अंसारी और फैजाबाद निवासी जिनको पद्म श्री मिला है मोहम्मद शरीफ (लावारिस शवों का उनके धर्मानुसार अंतिम संस्कार करते हैं) उनको भी निमंत्रण भेजा है.
उन्होंने आडवाणी और जोशी को आमंत्रित नहीं किये जाने का कारण बताया कि 90 साल के आडवाणी जी कैसे आ पाएंगे. उनकी सेहत को ध्यान में रखकर उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया. कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन्हें यहां नहीं बुलाया गया है. उन्होंने कहा, जिन्हें नहीं बुलाया जा सका उन्हें व्यक्तिगत फोन कर माफी मांगी है.
चंपत राय ने कल्याण सिंह के बारे में भी बताया कि से कहा कि आपकी उम्र बहुत ज्यादा है आप इस भीड़ में ना आएं, वह मान गए. उसी तरह जोशी को भी कोविड -19 के चलते आमंत्रित नहीं किया गया.
शिवसेना नेता संजय राउत ने संकेत दिया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर शामिल नहीं होंगे.
राउत ने राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में शिवसेना के योगदान को दोहराया है और कहा कि पार्टी ने एक करोड़ रुपये का दान राम मंदिर के निर्माण के लिए दिया है. उन्होंने कहा, अयोध्या और आसपास के इलाके में कोरोना वायरस की महामारी चिंता का विषय है…उत्तर प्रदेश की मंत्री कमल रानी वरुण की कोविड-19 बीमारी की वजह से मौत हो गई जबकि तीन और मंत्री संक्रमित हैं. राउत ने कहा, मेरा मानना है कि जहां समारोह हो रहा है वहां कम से कम लोगों को जाना चाहिए. यह अहम है कि प्रधानमंत्री वहां जा रहे हैं. मुख्यमंत्री (ठाकरे) किसी भी समय वहां जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि यहां तक कि भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई, वे भी संभवतः कोविड-19 की वजह से नहीं जा रहे हैं. राउत ने कहा कि शिवसेना ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि अगर बाबरी ढांचे को नहीं गिराया जाता तो मंदिर का निर्माण संभव नहीं होता.
Posted By – Arbind Kumar Mishra