Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है. देशभर की नजरें राम मंदिर पर हैं. सबके मन में यही सवाल है कि राम मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा. मंदिर निर्माण में कितना खर्च आयेगा? नये मंदिर में रामलला के दर्शन कब से होंगे? इस सारे सवालों के जवाब मंदिर निर्माण के लिए गठित संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दिये हैं.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण की तैयारियां चल रही हैं. रामलला वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के दिन, यानी 15 जनवरी को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. इसके साथ ही यहां उनका दर्शन और पूजन शुरू हो जाएगा. इससे पहले दिसंबर 2023 तक मुख्य मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा.
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा. राम मंदिर के निर्माण का लगभग 30 से 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है.
पिछले साल 5 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के कार्य का शुभारंभ किया था. राम जन्मभूमि परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है और इसके दिसंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाने का अनुमान है. मंदिर में जनवरी 2024 (मकर संक्राति) तक भगवान राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने की संभावना है.
मंदिर के चबूतरे को तैयार करने के साथ ही गर्भगृह पर भी मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. अगस्त 2020 में पीएम मोदी द्वारा मंदिर निर्माण की नींव रखे जाने के बाद अब तक मंदिर का लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. मंदिर के फाउंडेशन को तैयार किये जाने के बाद 21 फुट ऊंचे फर्श को भी तैयार कर लिया गया है.
भगवान राम की मूर्ति के निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग किया जाएगा. मंदिर के 70 एकड़ परिसर में सात और मंदिर भी बनाये जाएंगे. ये मंदिर महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि अगस्त, निषाद राज, माता शबरी और जटायु के होंगे. राम मंदिर में रामायण काल की कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी लगेंगी.
गर्भगृह में विराजमान होने वाली रामलला की मूर्ति किस चीज से बनेगी? इसपर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में चर्चा हुई. कुछ सदस्यों की राय थी कि रामलला के बालरूप की प्रतिमा शालिग्राम शिला से बने, तो कुछ का मानना था कि संगमरमर या काष्ठ धातु की प्रतिमा बने. अब तकनीकी टीम की राय से इसका फैसला होगा. यह टीम मंदिर का डिजाइन इस तरह तैयार कर रही है कि रामनवमी पर सूर्य की किरणें रामलला पर पड़ें.