Ayodhya Visit: देश की राजनीति में अयोध्या चर्चा का केंद्र बना हुआ है. सियासी मकसद को पूरा करने के लिए राजनेताओं के बीच अयोध्या नगरी पहुंचने की होड़ लगी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है. इसके साथ ही अयोध्या नगरी आज के समय में हिंदुत्व की धारा में डुबकी लगाकर सियासी वैतरणी पार करने की चाह रखने वाले नेताओं के लिए हाजिरी लगाना पहली शर्त बन गया है.
इन सबके बीच, महाराष्ट्र की राजनीति में भी अयोध्या जाने को लेकर वार-पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है. हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने में जुटे मनसे के प्रमुख राज ठाकरे भी 5 जून को अयोध्या नगरी में हाजिरी लगाएंगे. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी 10 जून को रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचने का ऐलान कर दिया है. बताया जा रहा है कि मराठी अस्मिता का दांव फेल होने के बाद अब राज ठाकरे हिंदुत्व की राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं.
इधर, शिवसेना नेता संजय राउत भले ही आदित्य ठाकरे के अयोध्या जाने के पीछे किसी तरह का राजनीति मकसद होने से इनकार कर रहे हों, लेकिन अयोध्या में जिस तरह के पोस्टर लगे हैं वो बिल्कुल उलट कहानी कह रहे हैं. बता दें कि अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सपरिवार अयोध्या पहुंचे थे. बताते चले कि उद्धव ठाकरे 2018 से तीन बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं.
मायावती की पार्टी बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इस वर्ष संपन्न हुए यूपी चुनाव के लिए ब्राह्मण सम्मेलन शुरू किया था और इसका आगाज अयोध्या में रामलला के दर्शन से हुआ. तब सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था कि हम भगवान राम की पूजा करते हैं, उन पर राजनीति नहीं करते. अगर भाजपा कहती है कि राम उनके हैं तो यह उनकी संकीर्ण सोच है, भगवान श्री राम सबके हैं, जितना उनके हैं उससे अधिक हमारे हैं.
आम आदमी पार्टी ने यूपी चुनाव अभियान की शुरुआत अयोध्या से की थी. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अयोध्या में रामलला और हनुमान गढ़ी में पूजा अर्चना कर चुनावी बिगुल फूंका था. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अयोध्या पहुंचकर हिंदुत्व कार्ड चला था. केजरीवाल ने अयोध्या में राम जन्मभूमि और हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की. साथ ही केजरीवाल ने बुजुर्गों के के लिए अयोध्या की मुफ्त तीर्थयात्रा की घोषणा की.
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव की भले ही शुरुआत अयोध्या से नही किया था, लेकिन अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए यहां प्रचार किया था.अखिलेश ने राम की पैड़ी से रोड-शो का भी नेतृत्व किया और हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा की. इस दौरान उन्होंने कहा था कि राम मंदिर जब बनकर तैयार हो जाएगा तो अपने परिवार के साथ वे रामलला के दर्शन करने आएंगे.