नयी दिल्ली: विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के सातवें संस्करण में स्वच्छता कर्मचारियों के कल्याण पर जोर दिया जायेगा. ‘पीपुल फर्स्ट’ के दर्शन के साथ तैयार किये गये स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं की बात को भी प्राथमिकता दी जायेगी और शहरी भारत की स्वच्छता को बनाये रखने की दिशा में उनकी भागीदारी को मजबूत बनाया जायेगा.
आजादी के 75 साल (Azaadi@75) की विषयवस्तु से जुड़े दुनिया के के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण का केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री (एमओएचयूए) हरदीप सिंह पुरी ने नयी दिल्ली में सोमवार को शुभारंभ किया. स्वच्छ भारत मिशन- शहरी (एसबीएम-यू) हर साल भारत में स्वच्छता सर्वेक्षण करवाता है.
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अप्रत्याशित चुनौतियां सामने आयीं. इस दौरान शहरी भारत को सुरक्षित रखने के लिए सफाई कर्मचारियों ने जो कर्तव्यनिष्ठा दिखायी, वह सबसे अलग थी. सफाई कर्मचारियों की मूक सेना के राष्ट्र के प्रति योगदान को पहचान और सम्मान देने के क्रम में, सरकार ने उनके समग्र कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का संकल्प लिया है.
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एसएस 2022 में वैज्ञानिक संकेतकों को शामिल किया गया है, जो शहरी भारत के स्वच्छता के सफर में इन अग्रणी सैनिकों के लिए काम की स्थितियों और आजीविका के अवसरों में सुधार के लिए शहरों को प्रेरित करते हैं. विश्व के सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण का सातवां संस्करण भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उत्सव के साथ शुरू हो रहा है.
Azaadi@75 की विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए और अपने बुजुर्गों की बुद्धिमत्ता को नमन करने के लिए, एसएस 2022 का उद्देश्य सर्वेक्षण के अभिन्न अंग के रूप में वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिक्रिया लेना होगा. विचारों की विविधता सुनिश्चित करने के लिए, एसएस 2022 में युवा वयस्कों से भी संपर्क किया जायेगा, जो देश और स्च्छता आंदोलन के भावी नेता हैं.
इसके अलावा, यह सर्वेक्षण शहरी भारत के स्मारकों और विरासत स्थलों को साफ करने के लिए नागरिकों को जिम्मेदारी लेने और पहल करने के लिए प्रेरित करके भारत की प्राचीन विरासत और संस्कृति की रक्षा करने के लिए तैयार है. इसकी शुरुआत के साथ, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के सप्ताह भर चलने वाले समारोहों की भी शुरुआत कर दी है.
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इस सप्ताह के दौरान, शहरी भारत के नागरिक स्वच्छता के उद्देश्य से अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए होने वाले कई अभियानों में भाग लेंगे.‘कचरा अलग करो’ जैसे अभियानों का लक्ष्य स्रोत अलग-अलग करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है, जो प्रभावी कचरा प्रबंधन का आधार है. इसके साथ ही, ‘स्वच्छता से संपन्नता’ की विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न शहरों में नागरिकों द्वारा संचालित प्रदर्शनियां आयोजित की जायेंगी.
इस सप्ताह के दौरान शहरी स्थानीय निकायों और समुदायों को भी पहचान मिलेगी और नागरिक नेताओं, कचरा उद्यमियों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस, गैर सरकारी संगठनों आदि को अपने आसपास स्वच्छता रखने के लिए सम्मानित किया जायेगा. सफाई कर्मचारियों के साहस को सलाम करने के लिए विशेष समारोह आयोजित किये जायेंग, जो कोविड-19 के खिलाफ प्रयासों में अग्रणी रहे थे.
इसके लिए, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों की गुणवत्ता का आकलन करने व भविष्य में प्रक्रिया में सुधार के उद्देश्य से नागरिकों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए ‘सार्वजनिक शौचालय सफाई जन भागीदारी उत्सव’ की शुरुआत की जायेगी. 73 शहरों में स्वच्छता के मानकों पर शहरों को श्रेणीबद्ध करने के उद्देश्य से एमओएचयूए द्वारा 2016 में शुरू किया गया, स्वच्छ सर्वेक्षण 4,000 यूएलबी को शामिल करते हुए आज दुनिया का सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण बन गया है.
सर्वेक्षण की रूपरेखा कई साल के दौरान विकसित हुई है और आज यह एक विशेष प्रबंधन टूल बन गया है, जो स्वच्छता परिणामों को प्राप्त करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन को गति देता है. वास्तविकता यह है कि एसएस 2021 का पिछला संस्करण महामारी के चलते जमीनी स्तर पर पैदा चुनौतियों के बावजूद रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था और इसमें 5 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रिया लेना एक बार फिर से ‘संपूर्ण स्वच्छता’ के लक्ष्य पर नागरिकों के जिम्मेदारी लेने का प्रमाण है. इसके परिणाम जल्द ही जारी कर दिये जायेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha