Mann Ki Baat: जन-आंदोलन का रूप ले रहा है आजादी का अमृत महोत्सव : मन की बात में बोले पीएम मोदी
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann ki Baat) के 88वें संस्करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों, खासकर युवाओं में देश के इतिहास के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान से संबंधित कुछ रोचक सवाल भी किये.
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर मनाया जा रहा अमृत महोत्सव अब एक एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है. इस कारण युवाओं में देश के इतिहास को जानने को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राष्ट्र को समर्पित किया गया प्रधानमंत्री संग्रहालय युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है और उन्हें देश की ‘अनमोल विरासत’ से जोड़ रहा है.
आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann ki Baat) के 88वें संस्करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों, खासकर युवाओं में देश के इतिहास के प्रति जिज्ञासा बढ़ाने के लिए सामान्य ज्ञान से संबंधित कुछ रोचक सवाल भी किये. उनसे इसका नमो ऐप (Namo App) या सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर जवाब मांगा.
उन्होंने कहा, ‘ये प्रश्न मैंने इसलिए पूछे, ताकि हमारी नयी पीढ़ी में जिज्ञासा बढ़े, वे इनके बारे में और पढ़ें तथा इन्हें देखने जाएं.’ प्रधानमंत्री ने उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री संग्रहालय का उल्लेख किया और इसके बारे में गुरुग्राम के रहने वाले सार्थक नाम के युवा के अनुभवों को साझा किया. उन्होंने देशवासियों को बताया कि जब उन्होंने इस संग्रहालय का अवलोकन किया, तो कई सारी नयी जानकारियां मिलीं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश के इतिहास और देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘देश के लिए यह गौरव की बात है कि आजादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है. इतिहास को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है और ऐसे में प्रधानमंत्री संग्रहालय युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है, जो देश अनमोल विरासत से उन्हें जोड़ रहा है.’
अब लोग आगे आ रहे हैं
उन्होंने कहा कि देश में मौजूद संग्रहालयों के महत्व की वजह से अब लोग आगे आ रहे हैं. इसके लिए दान भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग अपने पुराने और ऐतिहासिक चीजों को भी संग्रहालयों में दान कर रहे हैं. लोग जब ऐसा करते हैं, तो एक तरह से वह एक सांस्कृतिक पूंजी को पूरे समाज के साथ साझा करते हैं. भारत में भी लोग अब इसके लिए आगे आ रहे हैं.’
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संग्रहालयों में नये तौर-तरीके अपनाने पर जोर
ऐसे सभी प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बदलते हुए समय के हिसाब से संग्रहालयों में नये तौर-तरीके अपनाने पर जोर दिया जा रहा है और उनके डिजिटलीकरण पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. प्रधानमंत्री ने 18 मई को पूरी दुनिया में मनाये जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए युवा वर्ग का आह्वान किया कि वे आने वाली छुट्टियों में अपने दोस्तों की मंडली के साथ किसी न किसी स्थानीय संग्रहालय को जरूर देखने जाएं. उन्होंने युवाओं से इसके अनुभव भी साझा करने को कहा, ताकि इससे दूसरों के मन में भी संग्रहालयों के लेकर एक जिज्ञासा पैदा हो और वे भी उनके बारे में जानने और समझने के लिए योजना बनाएं.